नई दिल्लीः पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले चार कैबिनेट मंत्रियों से बुध को कांग्रेस महासचिव और प्रभारी हरीश रावत ने मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद रावत ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार को कोई खतरा नहीं है और आने वाले चुनाव में भी फिर से कांग्रेस की वापसी तय है. हालांकि दूसरी जानिब नवजोत सिंह सिद्धू खेमे के नेता दिल्ली आकर सोनिया गांधी से मिलकर कैप्टन को हटाने की बात कह रहे हैं. जानकार सूत्रों की माने तो पार्टी में चल रहे इस बगावती तेवर से आने वाले विधान सभा चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है. 

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कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा चुनाव 
हरिश रावत ने कहा कि चार मंत्रियों और तीन विधायकों से उनकी मुलाकात हुई है. साथ ही रावत ने बताया कि किसी के लिए भी उनके मन में नाराजगी नहीं है बल्कि वे लोग पंजाब में कांग्रेस को जिताने में लगे हुए हैं. वह एक रोडमैप चाहते हैं ताकि चुनाव में पार्टी की जीत को यकीनी किया जा सके. हरीश रावत ने विधायकों के साथ बैठक के बाद साफ कर दिया कि पंजाब विधान सभा का चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. 

सिद्धू ने अब तक सलाहकारों के बयानबाजी पर एक्शन नहीं लिया 
कैप्टन अमरिंदर की पत्नी अमरिंदर कौर ने कहा है कि कैप्टन साहब ने सिद्धू को पार्टी के पंजाब इकाई का सदर बनाए जाने के आलाकमान के फैसले को माना है और हम तो ये चाहते हैं कि पार्टी में सभी एकजुट होकर 2022 के चुनाव की तैयारी में लगें. इन सबके बीच आजतक सिद्धू ने अपने सलाहकारों पर कोई कार्रवाई नहीं की जिन्होंने कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानने से इनकार कर दिया.  इस मामले पर कांग्रेस आलाकमान भी चुप है जबकि पंजाब कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि ऐसे लोगों को पार्टी तो क्या देश में रहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने हरीश रावत से इन सलाहकारों के खिलाफ कर्रवाई की मांग भी की है.


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