हरियाणा में कांग्रेस के सामने हैं ये बड़ी चुनौतियां; क्या BJP दोहराएगी 2019 का रिकॉर्ड?
BJP-Congress In Haryana: हरियाणा की 10 सीटों पर 25 मई को एक ही फेज में वोटिंग होगी. राज्य में छठे मरहले में मतदान होगा. इस चुनाव में बीजेपी के सामने 2019 में मिली दस सीटों को बचाना एक बड़ा चैलेंज है तो वहीं,कांग्रेस के सामने भी कई चुनौतियां खड़ी हैं.
Haryana Lok Sabha Elections: सियासी तौर पर अहम माने जाने वाली रियासत हरियाणा में देशवाली बेल्ट सियासी पार्टियों के लिए अहम है, जहां लोकसभा इलेक्शन में बहुकोणीय मुकाबला होने जा रहा है. राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी पारंपरिक तौर से कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले जाट अकसरियत इलाके में उसे कमजोर करने की कई बरसों से कोशिशें कर रही है. इस इलाके में रोहतक और सोनीपत लोकसभा हल्क़े आते हैं. साल 2014 के लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी ने 7 लोकसभा सीटों पर कामयाबी हासिल की थी और सिर्फ रोहतक में उसे हार का सामना करना पड़ा था. इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) ने दो सीटें जबकि कांग्रेस ने रोहतक से जीत दर्ज की थी.
उस वक्त रोहतक पर कांग्रेस की पकड़ तोड़ने में असफल रहने के बाद बीजेपी ने हुड्डा परिवार के किले में कांग्रेस को कमजोर करने के इरादे से क्षेत्र में अपनी सियासी सरगर्मी को तेज कर दिया. बीजेपी का स्टेट हेड क्वार्टर भी रोहतक में है. बीजेपी ने 2019 के लोकसभा इलेक्शन में सभी 10 लोकसभा सीटों पर कामयाबी के परचम लहराए थे और उसने अहम सियासी घरानों के किले में सेंध लगायी थी. बीजेपी ने हुड्डा परिवार के गढ़ माने जाने वाले रोहतक में सफलता हासिल की थी जहां उस समय के एमपी दीपेंद्र सिंह हुड्डा को हार का मजा चखना पड़ा था. बीजेपी ने सोनीपत से इंतेखाबी मैदान में उतरे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी शिकस्त दी थी. कांग्रेस 2019 के इलेक्शन में करारी शिकस्त के बाद इस बार बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ सीट शेयरिंग का समझौता किया है जिसके तहत AAP कुरुक्षेत्र सीट से इलेक्शन लड़ेगी. कांग्रेस लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस गठबंधन पर कहा, दोनों एक साथ मिलकर और मजबूती से लड़ेंगे. देशवाली बेल्ट और नॉर्थ हरियाणा में बीजेपी के लिए एक और चुनौती यह है कि इस इलाके में रद्द किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हाल में किसान का आंदोलन हुआ है. उत्तरी हरियाणा में अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल निर्वाचन क्षेत्र आते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य के बागड़ी बेल्ट में सिरसा से भी जीत हासिल की थी ,जहां एक समय में बीजेपी को कमजोर माना जाता था.
अहीरवाल बेल्ट के नाम से पहचान पाने वाले साउथ हरियाणा में कांग्रेस के लिए चुनौतियां कम होने की उम्मीद नहीं है. यहां से केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से एमपी राव इंद्रजीत सिंह बीजेपी के प्रमुख नेता हैं. हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने हाल में कहा था कि, बीजेपी राज्य में सभी 10 सीटें जीतकर 2019 के अपने प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करेगी. वहीं, बीजेपी लीडरान ने दावा किया कि केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार और हरियाणा में पार्टी का गठबंधन मुल्क और रियासत को तरक्की के रास्ते पर लेकर गया है. जबकि कांग्रेस लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे कई ईशू को हल नहीं किया गया है. बता दें कि, लोकसभा की 543 सीटों के लिए वोटिंग 7 चरणों में होगी. पहले फेज में 19 अप्रैल को जबकि सातवें चरण के लिए एक जून को मतदान होगा.