Nuh Shobha Yatra: हरियाणा के नूंह जिले में कड़ी सिक्योरिटी के बीच हिंदू समूहों के कुछ सदस्यों ने सावन के आखिरी सोमवार को प्रमुख मंदिरों में पूजा-अर्चना की, लेकिन प्रशासन ने धार्मिक यात्रा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी. पुलिस ने साफ तौर पर कहा कि श्रावण माह के आखिरी सोमवार को यात्रा पूरी करने की अनुमति नहीं दी गई. राज्य सरकार ने निर्देश जारी किए थे कि स्थानीय लोग इस अवसर पर मंदिरों में जलाभिषेक कर सकते हैं, लेकिन किसी भी यात्रा के लिए इजाजत नहीं दी जाएगी.  इस मौके पर नूंह जिले के बॉर्डर पर बैरिकेड लगा दिए गए और बाहरी लोगों को आने की अनुमति नहीं दी गई. इस दौरान शहर में सन्नाटा पसरा हुआ नज़र आया.


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प्रशासन की तरफ ने सिर्फ कुछ ही संतों और हिंदू संगठनों के नेताओं को नूंह जिले में प्रवेश की अनुमति दी गई. उन्हें नूंह पुलिस लाइन से मूल यात्रा मार्ग पर नल्हड़, झिर और सिंगार में तीन मंदिर ले जाया गया और उन्हें चार गाड़ियों में वापस लाया गया. नूंह या आसपास के जिलों में शाम तक हिंसा की कोई खबर सामने नहीं आई. हालांकि, एक वीडियो सामने आया, जिसमें लोगों को प्रतिबंधों के खिलाफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला जलाते हुए देखा गया. 



नूंह के डिप्टी कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि लगभग 15 साधु- संतों और कुछ हिंदूवादी संगठनों के नेताओं को नल्हड़ स्थित शिव मंदिर जाने की इजाजत दी गई. उन्होंने एक बयान में कहा कि जलाभिषेक कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हुआ. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) ममता सिंह ने कहा कि नल्हड़, झिर और सिंगार में तीन मंदिरों में तकरीबन 15 लोगों को जलाभिषेक की अनुमति दी गई थी. जलाभिषेक में VHP के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, स्वामी धर्म देव, स्वामी परमानंद समेत अन्य लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित हुआ.


 


नूंह जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सोमवार को स्कूल-कॉलेज और बैंक बंद रखने के आदेश दिये थे. मोबाइल इंटरनेट और बल्क में एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था. साथ ही साथ किसी भी बाहरी व्यक्ति को नूंह में एंट्री की इजाजत नहीं थी और जिले में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था.


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