प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए हुकूमत उन लोगों पर सख्त एक्शन ले रही है, जो इससे जुड़े कानून पर अमल नहीं कर रहे हैं. इसी बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश हुकूमत को सलाह दी है कि सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल न करने के मामले में जेल भेजने के बजाय बेदारी लाने की कोशिश की जाए. अदालत ने कहा कि भीड़-भाड़ से भी जेल में भेजने से महामारी को फरोग मिलेगा, ऐसे में बेदारी के ज़रिये सोशल डिस्टेंसिंग का सबक पढ़ाया जाए.


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सोशल डिस्टेंसिंग में जेल भेजे जाने से मुतअल्लिक अर्ज़ी पर समाअत करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रियासती हुकूमत को ये सलाह दी है. अदालत ने कहा जेल भेजने से कोरोना वायरस फैलने को मिलेगा बढ़ावा मिलेगा. अदालत ने अर्ज़ी दाखिल करने वाले ताजगंज, आगरा के 6 अर्ज़ी दहिंदगान को SSP आगरा के सामने आश्वासन दाखिल करने की हिदायत दी है. 


अर्ज़ी दहिंदगान ने COVID-19 से जुड़ी हुई गाइडलाइन पर अमल करने की यकीन दिहानी दाखिल करेंगे, जिस पर SSP आगरा गौर करके फैसला लेंगे. फिलहाल अदालत ने तफतीश में तआवुन करने की शर्त पर पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई है. जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस एस डी सिंह की बैंच ने ये हुक्म दिया है. 


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