HC on Kejriwal Bail: दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को फिर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेल पर रोक लगा दी है. यह रोक शराब नीति से जुड़े धन शोधन मामले में जमानत पर लगाई है. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत के सामने पेश की गई सामग्री पर विचार नहीं किया गया और वह गलत थी.


अरविंद केजरीवाल की जमानत पर हाई कोर्ट की रोक


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आदेश सुनाते हुए न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने कहा कि केजरीवाल पर निचली अदालत के जमानत आदेश को चुनौती देने के संबंध में ईडी की दलीलों पर उच्च न्यायालय को उचित विचार करने की आवश्यकता है. पीठ ने कहा, "ट्रायल कोर्ट को ऐसा कोई फैसला नहीं देना चाहिए था, जो हाई कोर्ट के फैसले के विपरीत हो. दस्तावेजों और तर्कों का उचित तरीके से मूल्यांकन नहीं किया गया है." 


अदालत ने वकीलों की दलीलों पर किया विचार


बेंच ने कहा, "जब उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई है, तो यह नहीं कहा जा सकता कि कानून का उल्लंघन कर उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया." साथ ही कहा गया कि अदालत ने केजरीवाल और ईडी के वकीलों की दलीलों पर विचार किया है.


न्यायमूर्ति जैन ने क्या कहा?


न्यायमूर्ति जैन ने कहा, "लेकिन इस अदालत की राय है कि इस अदालत की समन्वय पीठ ने कहा है कि ईडी की ओर से कोई दुर्भावना नहीं थी." उन्होंने कहा कि निचली अदालत को इसके विपरीत निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए था. वित्तीय अपराध से निपटने वाली एजेंसी ने 21 मार्च को केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी थी. अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था.