`अग्निपथ योजना’ का वह करते रहे विरोध, इधर इतने हजार नौजवानों ने कर दिया आवेदन
विरोध-प्रदर्शन के बाद सशस्त्र बलों ने यह साफ कर दिया था कि नई भर्ती योजना के खिलाफ हिंसक विरोध- प्रदर्शन और आगजनी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा.
नई दिल्लीः एक तरफ जहां सरकार के अग्निपथ योजना का बड़े पैमाने पर छात्रों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने विरोध किया था, वहीं दूसरी तरफ छात्र इसमें भर्ती होने के लिए खूब आवेदन कर रहे हैं. भारतीय वायुसेना को अग्निपथ भर्ती योजना के तहत इतवार तक 56,960 आवेदन मिले हैं. इस योजना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया इसके खिलाफ कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन के एक हफ्ते बाद शुक्रवार को शुरू हुई थी. छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बाद सशस्त्र बलों ने यह साफ कर दिया था कि नई भर्ती योजना के खिलाफ हिंसक विरोध- प्रदर्शन और आगजनी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा.
वायुसेना ने ट्वीट कर दी जानकारी
वायुसेना ने इतवार को ट्वीट किया, ‘‘56960! यह अग्निपथ भर्ती आवेदन प्रक्रिया के जवाब में वेबसाइट पर भविष्य के अग्निपथ से अब तक प्राप्त आवेदनों की कुल संख्या है. रजिस्ट्रेशन पांच जुलाई को बंद हो जाएगा.’’ चौदह जून को अग्निपथ योजना की घोषणा करते हुए, सरकार ने कहा था कि साढ़े 17 से 21 साल की उम्र के नोजवानों को चार साल के कार्यकाल के लिए भर्ती किया जाएगा, जिनमें से 25 फीसदी को बाद में नियमित सेवा के लिए शामिल किया जाएगा.
विरोध के बाद सरकार ने बढ़ाई थी ऊपरी आयु सीमा
सरकार के इस घोषणा के बाद मुल्क के कई हिस्सों में इस भर्ती स्कीम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. बाद में सरकार ने 16 जून को इस स्कीम के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को वर्ष 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दिया था. साथ ही उनकी सेवानिवृत्ति पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों में उनके नौकरी देने में वरीयता देने जैसे कई कदमों की घोषणा की थी. भाजपा शासित कई राज्यों ने भी घोषणा की कि ’अग्निवरों’ को राज्य पुलिस बलों में शामिल होने में प्राथमिकता दी जाएगी.
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