Satyender Jain: दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका पर मंगलवार को नोटिस जारी किया है. न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 9 जुलाई निर्धारित करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है.


मई 2022 में गिरफ्तार हुए थे जैन


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जैन को फरवरी 2015 से मई 2017 तक मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करके ₹1.47 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति हासिल करने के आरोप में मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद ईडी ने कथित तौर पर उनसे जुड़ी तीन कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की थी.


ईडी ने इस मामले में दावा किया था कि जैन अपनी पत्नी पूनम जैन के निर्देशन के माध्यम से तीन कंपनियों को कंट्रोल कर रहे थे. पूर्व मंत्री ने 15 मई को शहर की अदालत के जरिए डिफ़ॉल्ट जमानत की मांग वाली उनकी याचिका खारिज करने के 12 दिन बाद दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.


उक्त आदेश में, शहर की अदालत ने कहा कि पूर्ववर्ती न्यायाधीश ने जैन की गिरफ्तारी के 60 दिनों के अंदर ईडी के जरिए दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था और अपराध के बारे में संतुष्ट होने के बाद ही आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की थी.


क्या है जैन का दावा?


उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में, जैन ने दावा किया है कि ईडी ने उनकी गिरफ्तारी के बाद से वैधानिक अवधि के भीतर सभी मामलों में जांच पूरी करने में नाकामयाब रही है और इस प्रकार अधूरा आरोपपत्र दायर करके उन्हें जमानत के वैधानिक अधिकार से वंचित कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया.


इस साल की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और खराब स्वास्थ्य पर विस्तार के उनके अनुरोध को खारिज करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा था.