Himachal Pradesh News: सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार हिमाचल प्रदेश में संकट को कंट्रोल करने में कामयाब रही है, जिससे बीजेपी सांसदों के जरिए मांगे गए अविश्वास मत की संभावना समाप्त हो गई है. बता दें, राज्य के बजट के सफल पारित होने के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है. इस तरह, सुक्खू प्रशासन ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और अगले तीन महीनों तक उसे कोई खतरा नहीं होगा.


हिमाचल सरकार से हटा संकट


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गौरतलब है कि मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार शाम को कहा था कि जब तक पार्टी नेताओं के साथ बातचीत पूरी नहीं हो जाती, वह अपने इस्तीफे पर जोर नहीं देंगे. बजट पारित होने से पहले, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफे की अटकले लगाई जा रही थीं, हालांकि उन्होंने बाद में इसे खारिज कर दिया, जबकि भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उनके इस्तीफे की मांग की थी.


क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के खिलाफ एक्शन


कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के लिए क्रॉस वोटिंग करने वाले छह पार्टी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रस्ताव शुरू किया था. हालांकि, हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.


जयराम ठाकुर ने थी राज्यपाल से मुलाकात


इससे पहले दिन में, जयराम ठाकुर ने पार्टी विधायकों के साथ बुधवार को राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की थी. उन्होंने यह दावा करते हुए शक्ति परीक्षण की मांग की था कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शासन करने का जनादेश खो दिया है.


प्रियंका गांधी ने लिया हिमाचल राजनीति का चार्ज


हिमाचल प्रदेश में संकट की कमान प्रियंका गांधी वाड्रा संभाल रही हैं. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को ब्रीफिंग में उन्होंने राज्य के हालात पर चर्चा की है. वह विक्रमादित्य सिंह सहित कई विधायकों के संपर्क में हैं, जिन्होंने कल उनसे बात की थी. गांधी सक्रिय रूप से घटनाक्रम पर नजर रख रही हैं और सुखविंदर सुक्खू और राजीव शुक्ला के साथ नियमित संपर्क बनाए हुई हैं.