Akhil Bharatiya Hindu Mahasabha: अखिल भारतीय हिंदू महासभा (ABHM) के एक नेता और तीन सदस्यों के ज़रिए गोकशी की झूठी FIR दर्ज कराने के मामले में पुलिस एक्शन लेते हुए चारों को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि हिंदू महासभा के इन कार्यकर्ताओं ने अपने प्रतिद्वंदी ग्रुप को फंसाने के लिए यह झूठा मामला दर्ज कराया था लेकिन अब वो खुद ही अपने बिछाये जाल में फंस गए हैं. 


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मामले को लेकर अफसरों ने मंगलवार को बताया कि चार लोगों एबीएचम के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट और सदस्यों ब्रजेश भदौरिया, सौरव शर्मा और जितेंद्र कुशवाहा को बुधवार को गिरफ्तार किया गया. चारों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. अफसरों ने बताया कि चारों के खिलाफ आगरा के अलग-अलग थानों में कई आपराधिक मामले लंबित हैं. एत्माददौला पुलिस थाने के इंचार्ज राज कुमार ने बताया, "इन सभी पर IPC की धारा 429 और उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है." 


पुलिस ने कहा कि कुशवाहा ने 30 मार्च को मुस्लिम समुदाय के एक ग्रुप के कहने पर एत्माददौला इलाके में गोकशी की घटना का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज कराई थी. उसने शिकायत में रिजवान उर्फ कल्ला, नकीम, विजू उर्फ छोटू, शानू उर्फ इल्ली और इमरान का नाम लिया था. पुलिस ने बताया कि पुलिस ने FIR में नामजद लोगों में से दो शानू और इमरान को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें एक प्रतिद्वंद्वी मुस्लिम ग्रुप के ज़रिए मामले में फंसाया जा रहा है, जिन्होंने एबीएचएम से संपर्क किया था और उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था.


सहायक पुलिस कमिश्नर आरके सिंह ने कहा कि उनकी जांच में यह बात सामने आई कि दर्ज कराई गई FIR झूठी थी और इसका मकसद पांच लोगों को फंसाना था. सिंह ने कहा, "हिंदू महासभा के सदस्यों, जिसमें उसके राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट भी शामिल हैं, पर पुलिस पर दबाव बनाने के लिए झूठी FIR दर्ज करने में शामिल होने का आरोप लगाया गया है."


मामला 30 मार्च की रात का है. बताया जा रहा है कि एक घनी आबादी वाले इलाके में मौजूद एक खाली जगह पर कुछ लोगों के ज़रिए गोकुशी की गई. इस घटना की जानकारी हिंदू महासभा ने पुलिस को दी. जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, साथ ही कुछ हिंदू महासभा के कार्यकर्ता भी वहां गोकुशी के विरोध में हंगामा करने लगे और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि हंगामा करने वाले लोगों ने ही गो हत्या की थी.


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