करवाचौथ के पहले `लठ पूजन`; मुस्लिमों ने लगाई मेहँदी तो दे-दनादन की खुली चेतावनी!
Mehndi Jihad: करवा चौथ का त्यौहार आज से तीन दिन बाद 20 अक्बटूर को मनाया जाएगा. इससे पहले हिंदूवादी संगठनों ने `मेहंदी जिहाद` का नाम देकर मुस्लिम मेंहदी कलाकार के लिए चेतावनी जारी की है. हिन्दू संगठनों ने मुस्लिम कलाकारों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर कहीं भी मुस्लिम समुदाय के युवक मेहंदी लगाते हुए दिखे उन्हें सबक सिखाया जाएगा.
Mehndi Jihad: हिन्दू धर्म में महिलाओं के लिए करवा चौथ का त्यौहार बहुत खास है. इस पर्व में महिलाएं एक हाथ में मेहंदी लगाने समेत 16 श्रृंगार करना पसंद करती हैं. सुहागिन महिलाओं के लिए हाथों में लगी मेहंदी को शुभ माना जाता है. इस साल करवा चौथ का त्यौहार 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. लेकिन इससे पहले हिंदूवादी संगठनों ने 'मेहंदी जिहाद' का नाम देकर मुस्लिम मेंहदी कलाकार के लिए चेतावनी जारी कर दी है. हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम कलाकारों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर कहीं भी मुस्लिम समुदाय के युवक मेहंदी लगाते हुए दिखे उन्हें सबक सिखाया जाए.
दरअसल, यूपी के मुजफ्फरनगर में हिंदूवादी नेताओं ने गुरुवार को करवा चौथ से पहले एक बैठक का आयोजन किया इस दौरान हिंदू संगठनों हिंदू महिलाओें से आह्वान करते हुए कहा कि सभी हिन्दू से ही मेहंदी लगवाएं. इसके बाद संगठनों ने "लठ पूजन" किया और "लठ जिहाद" का ऐलान किया. करवा चौथ पर हिंदू महिलाओं को मेहंदी लगाने वाले मुस्लिम युवकों को संयुक्त हिंदू मोर्चा ने साफ चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा किया तो लठ तैयार है. मोर्चा के फाउंडर मनोज सैनी ने तो ये भी कह दिया कि "पहले निवेदन... फिर आवेदन और अगर तब भी नहीं माने तो दे-दनादन..दे-दनादन."
थूक-मूत्र जिहाद के बाद 'मेहंदी जिहाद'
'संयुक्त हिंदू मोर्चा' के बैनर तले हिंदूवादी नेताओं ने "लठ जिहाद" की जिहाद की घोषणा करते हुए मंत्रोच्चारण के साथ बाकायदा मोटी-मोटी लाठियों की पूजा की. हिंदूवादी संगठनों ने "लव जिहाद", "थूक-मूत्र जिहाद" के बाद अब मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू महिलाओं को लगाई जाने वाली मेहंदी को "मेहंदी जिहाद" का नाम दे दिया है.
पहले भी मुसलमानों ने हिंदूवादी संगठनों ने दी है चेतावनी
हिंदूवादी संगठनों ने इस तरह से खुली चेतावनी पहली बार नहीं दी है. इससे पहले भी सब्जी और फेरी वालों को चेतावनी देते हुए उसे हिन्दू मुहल्लों में नहीं घुसने की चेतावनी दी थी. लेकिन, सरकार और प्रशासन की इस तरह की चेतावनी पर कार्रवाई करना तो दूर की बात है. कान पर जूं तक नहीं रेंगती है. लगातार मुसलामनों के खिलाफ हिंदूवादी संगठनों के द्वारा इस तरह की चेतावनी देना सरकार और प्रशासन कई सवाल खड़े करते हैं.