आज ही के दिन गूगल ने खरीदा था Youtube, इस वजह से जावेद करीम को आया बनाने का खयाल
आपके पास भी फ्री वक्त होता होगा तो आप यूट्यूब का इस्तेमाल करते होंगे. यूट्यूब आज लगभग हर में घर और हर शख्स इस्तेमाल करता है. गूगल का यह प्लेटफॉर्म उसका नहीं था. बल्कि गूगल ने यह आज ही के दिन साल 2006 में खरीदा था. तो फिर आइए हम आपको यूट्यूब बनने की दिलचस्प कहानी बताते हैं.
आज के वक्त में यूट्यूब लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. यूट्यूब पर हर तरह की जानकारी मौजूद है. हजारों लोग आज की तारीख में यूट्यूब के ज़रिए कमा रहे हैं. लाखों लोग का तो घर का गुज़ारा ही इस प्लेटफॉर्मस से चल रहा है. इससे लोगों का काम आसान भी हुआ है. कोई भी जानकारी हासिल करने के लिए अब लोगों का ज्यादा वक्त बर्बाद नहीं होता है. यूट्यूब का जिक्र हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज ही के दिन गूगल ने यह प्लेटफॉर्म खरीदा था.
कैसे वजूद में आया यूट्यूब?
यूट्यूब बनने की कहानी साल 2004 में शुरू होती है. बांग्लादेशी मूल के जावेद करीम को कोई वीडियो तलाश करना था. उन्होंने कई वेबसाइट्स पर ढूंढी लेकिन नहीं मिला. जिसके बाद उन्होंने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने के बारे में सोचा कि जिसपर जो चाहे, जहां चाहे वीडियो मिल सके. जावेद करीम ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर यह वेबसाइट बनाई और 14 फरवरी 2005 को इसका डोमेन रजिस्टर्ड हुआ था.
कब अपलोड हुआ पहला वीडियो
यूट्यूब पर पहला वीडियो 23 अप्रैल 2005 को अपलोड किया गया था, जो खुद को-फाउंडर जावेद करीम ने अपलोड किया था. यह वीडियो सैन डिएगो चिड़ियाघर का वीडियो था. इस प्लेटफॉर्म को 9 अक्टूबर 2006 में गूगल ने भारी रकम में खरीद लिया था. एक जानकारी के मुताबिक गूगल ने यूट्यूब को 1.65 अरब डॉलर में खरीदा था.
कौन हैं जावेद करीम
जावेद करीम का जन्म साल साल 1979 में जर्मन में हुआ था. इनके पिता बांग्लादेशी थे जबकि मां जर्मन की ही रहने वाली थीं. जावेद ने सेंट पॉल सेंट्रल से अपनी ग्रेजुएशन मुकम्मल की थी. जावेद करीम को तब ही नौकरी मिल गई थी जब वो यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस के उरबाना-शैंपेन में पढ़ाई कर रहे थे. जावेद को यह नौकरी पेपल में मिली थी.