Online Food Order: लोगों में आजकल ऑनलाइन खाने का ऑर्डर करना काफी चलन में है. हर कोई अलग-अलग प्लेटफार्म से खाना ऑर्डर करता है. लेकिन एक बार फिर ऑनलाइन खाने का ऑर्डर करने में डिलीवरी पर्सन को धर्म के नज़रिए से देखा गया. दरअसल हैदराबाद के एक कस्टमर ने ऑनलाइन खाना तो ऑर्डर किया लेकिन उसने एक शर्त रख दी. शर्त ये थी कि फूड डिलीवरी पर्सन मुस्लिम नहीं होना चाहिए. हैदराबाद के कस्टमर ने जो मांग रखी, उसपर लोगों ने सोशल मीडिया के ज़रिए अपने ग़ुस्से का इज़हार किया.


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Telangana Gig and Platform Workers Union ने किया ऐतराज़
TGPWU के स्टेट प्रेसिडेंट शेख़ सलाउद्दीन ने इसका स्क्रीनशॉट शेयर किया था. साथ ही उन्होंने जनता से इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की मांग की. उन्होंने कहा कि "वर्कर्स यहां लोगों तक उनका ऑर्डर पहुंचाने के लिए काम करते हैं. चाहे डिलीवरी करने वाला हिन्दू हो, मुस्लिम, सिख या ईसाई. उन्होंने अपनी पोस्ट में Swiggy से भी  इस तरह के ऑर्डर्स का बॉयकॉट करने की बात कही. हालांकि, अभी तक Swiggy की तरफ़ से इस पर कोई रद्दे अमल नहीं दिया गया है. 


लोगों में नज़र आया ग़ुस्सा
शेख़ सलाउद्दीन के ज़रिए ट्वीट शेयर करने के बाद इसे वायरल कर दिया गया. लोगों ने इसपर अपने ग़ु्स्से का इज़हार किया. पोस्ट पर कमेंट करते हुए कुछ लोगों ने लिखा कि ऐसी सोच रखने वाले लोगों की मज़म्मत करनी चाहिए. लोगों ने अपना एहतेजाज दर्ज कराते हुए फूड ऑर्डर को डिलीवरी पर्सन के मज़हब से जोड़ कर देखने पर ग़ुस्सा ज़ाहिर किया. 


पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
 मज़हब से जोड़कर फूड डिलीवरी का ऑर्डर कैंसिल करने का ये पहला मामला नहीं है. 2019 में भी ऐसा ही कुछ मामला पेश आ चुका है. मध्यप्रदेश के भोपाल में एक नौजवान ने जब ज़ोमैटो (ZomatO) से खाना बुक किया तो मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय  खाना डिलीवर करने गया था. लेकिन हिंदू कस्टमर ने डिलीवरी ब्वॉय का मज़हब पूछकर खाना लेने से इनकार कर दिया. खाना लौटाने वाले शख़्स का नाम अमित शुक्ल बताया गया. हालांकि ज़ोमैटो ने नौजवान के ऐतराज़ का जवाब देते हुए ट्वीट किया. जिसमें लिखा "खाने का कोई धर्म नहीं होता. खाना ही धर्म है"