Kamalnath Statement: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता कमल नाथ ने बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर वे उन्हें "विदाई" देना चाहते हैं तो वह "छोड़ने के लिए तैयार" हैं. उन्होंने कि वह अपने आपको पार्टी पर "थोपेंगे" नहीं. अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा के हर्रई में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए 77 साल के नेता ने कहा कि उन्हें कई सालों से उनका प्यार और विश्वास मिल रहा है.


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भड़के कमलनाथ
उन्होंने कहा कि "कमलनाथ को अगर आप विदा करना चाहते हैं, ये आपकी मर्जी है. मैं विदा होने के लिए तैयार हूं. मैं अपने आपको थोपना चाहता हूं." कमल नाथ ने यह बयानबाजी भाजपा में जाने की अटकलों को खारिज करने के एक दिन बाद की. कमनाथ ने भाजपा में न जाने की बात करहकर कांग्रेस की मुश्किलों को हर कर दिया.


छिंदवाड़ा से लड़ेंगे नकुल नाथ
हर्रई में रैली के दौरान, कमल नाथ ने कहा कि उनके बेटे नकुल नाथ फिर से छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद नकुल नाथ मध्य प्रदेश से एकमात्र कांग्रेस सांसद हैं. छिंदवाड़ा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले कमलनाथ ने कहा कि भाजपा खुद को आक्रामक तरीके से पेश करती है, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को घबराना नहीं चाहिए.


मीडिया पर भड़के कमल नाथ
उन्होंने कहा, "हमें भविष्य सुरक्षित करने के लिए वोट करना होगा और मुझे आप सभी पर भरोसा है." उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच, अनुभवी राजनेता ने मंगलवार को इन्हें "मीडिया की उपज" बताकर खारिज कर दिया. नाथ ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, "आप (मीडिया) ऐसी अटकलें लगा रहे हैं और कोई और ऐसा नहीं कह रहा है. क्या आपने कभी मुझसे सुना है? आप खबर चलाते हैं और मुझसे पूछते हैं. आपको इस खबर का खंडन करना चाहिए."


इसलिए लगाई गई अटकलें
इस महीने की शुरुआत में, कमल नाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तब तेज हो गईं जब उनके पूर्व मीडिया सलाहकार और भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री और उनके बेटे की एक तस्वीर पोस्ट की और इसे कैप्शन दिया, "जय श्री राम." नकुल नाथ ने अपने प्रोफाइल बायो से 'एक्स' पर 'कांग्रेस' शब्द भी हटा दिया था, जिससे अटकलें और तेज हो गईं. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कमल नाथ के बीच दशकों पुराने संबंधों पर जोर दिया और उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह भाजपा में जा सकते हैं. पिछले साल के विधानसभा चुनावों में हार के बाद अनुभवी नेता को पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख के रूप में मुकर्रर किया गया, जिसमें भाजपा ने 230 सदस्यीय सदन में 163 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी थी. कांग्रेस सिर्फ 66 सीटें जीतने में कामयाब रही.