शिवाजी के हाथों मारा गया था सेनापति अफज़ल खान; सरकार ने तोड़ा मकबरे के पास का ढांचा
Illegal structures around Afzal Khan tomb razed : महाराष्ट्र के सतारा जिले में वाके अफज़ल खान के मकबरे के आसपास बने गैर-कानूनी ढांचे को ध्वस्त किए जाने के बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने इसे ‘गौरवशाली दिन’ करार दिया है.
पुणेः महाराष्ट्र के सतारा (Satara Maharashtra,) जिला प्रशासन ने गुरुवार को बीजापुर के आदिल शाही (Sultan Adil Shahi of Bijapur) वंश के सेनापति अफज़ल खान (Afzal Khan) के मकबरे के आसपास सरकारी ज़मीन पर बने गैर कानूनी ढांचों को तोड़ दिया.अफज़ल खान सतारा जिले में प्रतापगढ़ किले (Pratapgad Fort) के पास मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के हाथों मारा गया था. बाद में, उसकी याद में वहां एक मकबरा बना दिया गया. इस ढांचे को ढहाए जाने के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे ‘गौरवशाली दिवस’ करार दिया है और कहा कि इन ढांचों को हाई कोर्ट के हुक्म के तहत ढहाया गया है.
आज ही के दिन मारा गया था अफजल खान
इसे ढांचों को उस दिन ढहाया गया है, जिस दिन 1659 में मराठा राजा के हाथों खान मारा गया था. इसे महाराष्ट्र में कुछ संगठनों द्वारा ’शिवप्रताप दिन’ के रूप में मनाया जाता है. अफसरों ने बताया कि भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच जुमेरात को तड़के ढांचों को ध्वस्त करने की कवायद शुरू की गई, जो शाम तक जारी थी. सतारा के जिलाधिकारी रुचिश जयवंशी ने बताया कि अफज़ल खान मकबरा के अहाते के आसपास बने पक्के कमरों जैसे गैर-कानूनी ढांचों को जिला प्रशासन ने तोड़ दिया है. अफसर ने कहा, ‘‘गैर-कानूनी ढांचा 15 से 20 गुंठा भूमि (एक गुंठा 1,089 वर्ग फुट के बराबर) पर फैला हुआ था. ज़मीन का कुछ हिस्सा वन विभाग का है, जबकि कुछ हिस्सा राजस्व विभाग का है.
आज शिवप्रताप दिन हैः फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने मराठी समाचार चैनलों से कहा, “आज का दिन सभी के लिए फख्र का दिन है, क्योंकि आज शिवप्रताप दिन है. इसी दिन छत्रपति शिवाजी महाराज के हाथों अफजल खान मारा गया था.“ उन्होंने कहा, “साल 2007 में अदालत ने अतिक्रमण हटाने का हुक्म दिया था. साल 2017 में ही हमने प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन कुछ कानूनी परेशानी सामने आ गई थीं.“ उपमुख्यमंत्री ने कहा, “शिव-प्रेमियों की तरफ से (अतिक्रमण हटाने की) मांगें की गई थीं, लेकिन जब उन्होंने विरोध-प्रदर्शन किया, तो उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए, लेकिन गैर-कानूनी कब्जा नहीं हटाया जा सका. आज यह सभी के लिए संतोष की बात है कि पूरा अतिक्रमण हटा दिया गया है.’’
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