नई दिल्ली: लोग ऐसा सवाल उठा रहे थे कि अगर 18 साल से 21 साल के बीच के नौजवान अगर 4 साल फौज में सर्व करेंगे तो उसके बाद उनके करियर का क्या होगा? आपको बता दें इन अग्निवीरों के लिए सराकर ने एक बड़ा फैसला किया है. ‘अग्निवीरों’ के करियर की भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय (एमओई) ऐसे रक्षा कर्मियों के लिए स्किल बेस्ड तीन साल की स्नातक डिग्री प्रोग्राम शुरू करेगा, जो रक्षा प्रतिष्ठानों में उनके कार्यकाल के दौरान प्राप्त कौशल प्रशिक्षण को मान्यता देगा.


विदेशों में भी मान्य होगी यह डिग्री


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अधिकारियों के मुताबिक यह डिग्री इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के ज़रिए दी जाएगी. जिसे रोजगार एवं शिक्षा के लिए भारत और विदेशों दोनों में मान्यता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सेना, नौसेना और वायु सेना इस योजना अमली जामा पहनाने के लिए इग्नू के साथ एएमयू पर दस्तखत करेंगे.


केंद्र सरकार ने मंगलवार को सेना, नौसेना और वायु सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर 'अग्निपथ' नामक एक ‘परिवर्तनकारी’ योजना की शुरुआत की, ताकि बड़े पैमाने पर वेतन और पेंशन बिल में कटौती करने तथा सशस्त्र बलों के युवा प्रोफाइल को सक्षम बनाया जा सके.


अग्निपथ योजना के तहत, हिंदुस्तानी युवा अब सशस्त्र बलों में शोर्ट टर्म के लिए सेवा प्रदान कर सकते हैं. ऐसे युवकों को अग्नीवीर का नाम दिया गया है. यह प्रोग्राम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत अनिवार्य रूप से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क और राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के मानदंडों के अनुरूप है. 


बीच में छोड़ सकते हैं कोर्स


इस प्रोग्राम को अगर कोई इंसान बीच में छोड़ना चाहता है तो उसे पहले साल पूरा करने पर 'अवर-स्नातक सर्टिफिकेट' दिया जाएगा. वहीं दूसरा साल पूरा करने पर ‘अवर-स्नातक डिप्लोमा’ और तीन साल पूरा करने पर डिग्री प्रदान की जाएगी.