Gyanvapi Case: सु्प्रीम कोर्ट ने उस याचिका को सुनने की इजाजत दे दी है जिसमें इलाहबाद हाई कोर्ट के साइंटिफिक सर्वे के ऑर्डर दिए गए थे. जिसमें कार्बन डेटिंग भी शामिल था. इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने साइंटिफिक सर्वे पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, पीएस नरसिम्हा राव और जेबी परदीवारा की एक बेंच ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की. आपको बता दें सर्वे को लेकर याचिका ज्ञानवापी मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी की ओर दायर की गई थी. ये याचिका हाईकोर्ट के सर्वे कराने के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी.


क्या है मामला?


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आपको जानकारी के लिए बता दें हाल ही में मस्जिद का वीडियो सर्वे हुआ था. जिसमें एक स्ट्रक्चर निकला था. जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग कह रहे थे वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना था कि ये एक फाउंटेन है. इस मामले में शुक्रवार को इलाहबाद हाई कोर्ट ने एएसआई यानी आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को सर्वे के आदेश दिए थे. जिसमें कार्बन डेटिंग था. इसी ऑर्डर के बाद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.


यूपी सरकार की ओर से क्या कहा गया?


यूपी सरकार की ओर से बहस कर रहे सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें ये भी पता लगाना चाहिए कि क्या कार्बन डेटिंग के बजाय कुछ दूसरे वैज्ञानिक परीक्षण किए जाने चाहिए. इस बात का जवाब देते हुए सीजीआई ने कहा- "इन मामलों में सावधानी से चलना होगा." 


आपको जानकारी के लिए बता दें ये पूरा मसला हिंदू पक्ष की ओर से तीन औरतो के जरिए दायर याचिका से शुरू हुआ. जिसमें कहा गया था कि ये मस्जिद पहले मंदिर हुआ करती थी. इस याचिका के कई सुनवाई हुईं और फिर कोर्ट ने वीडियोग्राफी के सर्वे का आदेश दिया. वीडियो में तथाकथित शिवलिंग की बात सामने आई. जिसे मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा बताया. जिसके बाद शुक्रवार को कोर्ट ने इस मामले में कार्बन डेटिंग के आदेश दिए थे.