इस राज्य में विधानसभा में ‘नमाज कक्ष’ आवंटित करने पर मचा सियासी घमासान, सड़कों पर उतरी BJP
हेमंत सरकार पर ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ का आरोप लगाकर भाजपा ने मुख्यमंत्री व विस अध्यक्ष का पुतला दहन किया और रांची समेत प्रदेश के कई जिलों में विरोध-प्रदर्शन किया.
रांचीः झारखंड विधानसभा में नमाज अदा करने के लिए विधानसभाध्यक्ष द्वारा ‘नमाज कक्ष’ आवंटित किए जाने के आदेश के विरोध में इतवार को मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजधानी रांची समेत पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो का पुतला दहन किया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने यहां आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने ‘साजिशन’ एक तरफ मंदिरों में पूजा पर रोक लगा रखी है वहीं दूसरी ओर एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए कक्ष आवंटित कर “तुष्टीकरण” की राजनीति को आगे बढ़ाया है जिसके विरोध में आज प्रदेश भाजपा ने पूरे राज्य में सभी जिला मुख्यालयों में मुख्यमंत्री सोरेन और विधानसभाध्यक्ष महतो का पुतला दहन किया.
भाजपा ने की फैसला वापस लेने की मांग
रांची में हरमू चैक पर भाजपा के रांची महानगर अध्यक्ष केके गुप्ता के नेतृत्व में पुतला दहन किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे. कार्यक्रम को खिताब करते हुए प्रदेश महासचिव आदित्य साहू ने सरकार से मांग की कि, ‘‘इस फैसले को जल्द वापस लें वरना झारखंड की जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी.” प्रकाश ने कहा भाजपा सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन एवं विधानसभा का घेराव करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है जिसे सोरेन सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति कर “अपमानित” किया है.
कमरा संख्या टीडब्लू 348 नमाज पढ़ने के लिए दिया गया था
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा परिसर में कमरा संख्या टीडब्लू 348 को विधानसभाध्यक्ष द्वारा नमाज अदा करने के लिए ‘नमाज-कक्ष’ के रूप में निर्धारित करने का दो सितंबर को आदेश दिया था जिसके बाद मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और कहा था कि यह पूरी तरह असंवैधानिक कदम है और यदि विधानसभाध्यक्ष को ऐसा करना ही था तो उन्हें विधानसभा में एक भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण कराना चाहिए और अन्य धर्मावलंबियों के लिए भी पूजा या आराधना कक्ष निर्धारित करना चाहिए.
झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने फैसले का किया था समर्थन
इस आदेश के सामने आते ही जहां सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने इसका इस्तकबाल किया वहीं मुख्य भाजपा ने इसका विरोध किया. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा, ‘‘हेमंत सरकार में शामिल विधायक खुलेआम तालिबान का समर्थन करते हैं. झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा इसी विचारधारा का नतीजा है. वरना भारतीय लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी व्यक्ति ऐसी हरकत नहीं करता.’’ दास ने आरोप लगाया, ‘‘हेमंत सरकार तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के लिए संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा भी तार-तार कर रही है. यह झारखंड के लिए शुभ संकेत नहीं हैं.’’ शुक्रवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का स्वागत किया था.
फैसला वापस न लेने पर कोर्ट जाने की धमकी
इस बीच विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने शनिचर को ही पत्र लिखकर विधानसभाध्यक्ष से अपना यह आदेश वापस लेने का मुतालबा किया है, ऐसा नहीं करने पर अदालत जाने की बात कही है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी कहा है, ‘‘लोकतंत्र के मंदिर को लोकतंत्र का मंदिर ही रहना चाहिए. हम ऐसे किसी भी आदेश के खिलाफ हैं.’’ इससे पूर्व सत्ताधारी कांग्रेस और झामुमो ने बयान जारी कर विधानसभाध्यक्ष के इस कदम का स्वागत किया जबकि कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा को तो पहले से ही हिंदू-मुस्लिम करने की आदत है.’’
Zee Salaam Live Tv