Coronavirus:कोरोना वायरस एक ऐसा नाम जिसे सुनकर हमारी आंखों के सामने लॉकडाउन का वो  ख़ौफनाक मंज़र उभर आता है जो हम शायद कभी भुला नहीं पाएंगे. कोरोना ने हम सबकी ज़िंदगी जीने का तरीक़ा ही बदल डाला. कोरोना बोहरान के ढाई साल गुज़र चुके हैं लेकिन आज भी कोरोना से जुड़े ऐसे कई सवाल है जिनका हमारे पास कोई जवाब नहीं है. मिसाल के तौर पर आख़िर कब तक इस वायरस से दुनिया को निजात हासिल होगी. दूसरा अहम सवाल ये भी है कि क्या ठंड के मौसम में कोरोना के मरीज़ों की तादाद में इज़ाफ़ा हो जाता है? कोरोना महामारी को लेकर ऐसे कई सवाल आज भी किसी पहेली से कम नहीं हैं.


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ठंड में बढ़ सकते है कोरोना के मरीज़:WHO


WHO ने हाल ही में एक बात का अंदेशा ज़ाहिर किया है कि ठंड के मौसम में कोरोना के मरीज़ों की तादाद में इज़ाफ़ा हो सकता है. वहीं अगर हम पिछले दो वर्षों की बात करें तो ये बात सामने आई है कि नवंबर और दिसंबर के महीने में कोरोना के मरीज़ों की रफ्तार अचानक बढ़ जाती है. इसलिए सर्दी के मौसम में कोरोना को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना पर ये बड़ी बात कही है. डब्ल्यूएचओ के जनरल डायरेक्टर के मुताबिक़ आलमी सतह पर कोरोना से होने वाली अमवात के मामलात में कमी ज़रूर दर्ज की गई है लेकिन फिर भी लोगों को सर्दी के मौसम में एहतियात बरतने की ज़रूरत है. क्योंकि ठंड का मौसम जल्द ही आने वाला है.


एहतियात बरतने की ज़रूरत
हमें ये याद रखना होगा कि कोरोना अभी ख़त्म नहीं हुआ है. अपने पिछले रिकार्ड के मुताबिक़ देखा गया है कि कोरोना वायरस सर्दी में मज़ीद एक्टिव हो जाता है. इसलिए हमें एहतियात से काम लेना होगा. सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाए बिना जाने से बचना होगा. सैनिटाइज़र के इस्तेमाल को अपनी आदत में शुमार करना होगा. सर्दी का मौसम आने वाला है इसलिए कोरोना से बचने के लिए ज़रूरी क़दम उठाना ही उचित उपाय है.


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