Independence Day 2023: आज मुल्क 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 10वीं बार तिरंगा फहराया. इससे पहले उन्होंने राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी.


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77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर वजीर-ए-आजम मोदी द्वारा ध्वजारोहण के बाद भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने फूलों की बारिश की. इसके बाद वजीर-ए-आजम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा, "दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और अब जनसंख्या के मामले में भी अग्रणी देश बन गया है. इतना बड़ा देश, मेरे परिवार के 140 करोड़ सदस्य आज स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं. मैं भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने वाले सभी बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं."


पीएम मोदी ने मणिपुर हिंसा का किया जिक्र
उन्होंने मणिपुर में हिंसा का जिक्र करते हुए कहा, "मणिपुर में पिछले दिनों हिंसा का दौर चला. कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ. लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं. देश मणिपुर के लोगों के साथ है. लोग शांति के पर्व को आगे बढ़ाए. शांति से ही रास्ता निकलेगा. केंद्र और राज्य सरकार शांति बनाए रखने के लिए भरपूर प्रयास कर रही और करती रहेगी."


देश में बढ़ रही महंगाई को लेकर कही ये बात
देश में बढ़ रही महंगाई को लेकर वजीर-ए-आजम मोदी ने कहा, "जब इनकम टैक्स में छूट बढ़ती है तो सबसे ज्यादा लाभ सैलरी क्लास को होता है. मेरे परिवारजनों विश्व कोरोना के बाद उभर नहीं पाया है. युद्ध ने नई मुसीबत पैदा की है. दुनिया महंगाई के संकट से जूझ रही है. हम भी दुनिया से सामान लाते हैं. हमारा दुर्भाग्य है कि महंगाई इंपोर्ट करनी पड़ती है. भारत ने महंगाई पर नियंत्रित रखने के लिए कई प्रयास किए हैं. हमें सफलता भी मिली है. दुनिया से अच्छी स्थिति हमारे लिए है. यह सोचकर हम बैठ नहीं सकते. हमारा लक्ष्य देश को महंगाई से छुटकारा दिलाना है. इसके लिए हमारे प्रयास जारी रहेंगे." 


10 सालों का दिया हिसाब 
लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए वजीर-ए-आजम मोदी ने कहा, "हम 2014 में वश्विक अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर थे. आज हम 5वें नंबर पर पहुंच चुके हैं. यह ऐसे ही नहीं हुआ जब भ्रष्टाचार के राक्षस ने देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया था. तब हमने इसे रोका और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई. मैं 10 सालों का हिसाब देशवासियों को दे रहा हूं. पहले गरीबों का घर बनाने के लिए 90 हजार करोड़ खर्च होता था. आज चार लाख करोड़ खर्च हो रही है. पिछले साढ़ें 5 साल के कार्यकाल में 13.50 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए."


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