Independence Day 2024: यौम-ए-आजादी पर अपने करीबियों को शायरी के साथ दें मुबारकबाद
Independence Day Shayari 2024: कई मशहूर शायरों ने यौम-ए-आजादी पर बेहतरीन शेर लिखे हैं. हम यहां पेश कर रहे हैं आजादी पर बेहतरीन शेर. आप भी अपने दोस्तों को शायरी के जरिए यौम-ए-आजादी की मुबारकबाद पेश कर सकते हैं.
Independence Day Shayari 2024: 15 अगस्त को भरत देश आजाद हुआ था. इस साल 15 अगस्त को भारत अपनी आजादी की 77वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस दिन का सभी लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. 15 अगस्त को लोग जश्न आजादी मनाने के लिए बहुत उत्सुक हैं. 15 अगस्त को मनाने के लिए लोग अपने-अपने हिसाब से तरह-तरह की तैयारियां कर रहे हैं. इस दिन लोग अपने करीबियों और अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को मुबारकबाद देते हैं. अगर अपने करीबियों को मुबारकबाद भेजना चाहते हैं तो इन शेरों के जरिए मुबारकबाद भेजें.
वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियाँ रगड़ने दे
मुझे यक़ीन है पानी यहीं से निकलेगा
नामालूम
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लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
फ़िराक़ गोरखपुरी
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लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
फ़िराक़ गोरखपुरी
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दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो
जाफ़र मलीहाबादी
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वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे
हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे
जाफ़र मलीहाबादी
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मैं ने आँखों में जला रखा है आज़ादी का तेल
मत अंधेरों से डरा रख कि मैं जो हूँ सो हूँ
अनीस अंसारी
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यही जगह थी यही दिन था और यही लम्हात
सरों पे छाई थी सदियों से इक जो काली रात
जावेद अख्तर
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मिट्टी की मोहब्बत में हम आशुफ़्ता-सरों ने
वो क़र्ज़ उतारे हैं कि वाजिब भी नहीं थे
इफ़्तिख़ार आरिफ़
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ख़ूँ शहीदान-ए-वतन का रंग ला कर ही रहा
आज ये जन्नत-निशाँ हिन्दोस्ताँ आज़ाद है
अमीन सलौनवी
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है मोहब्बत इस वतन से अपनी मिट्टी से हमें
इस लिए अपना करेंगे जान-ओ-तन क़ुर्बान हम
नामालूम
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वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है
मज़ा दामान-ए-मादर का है इस मिट्टी के दामन में
चकबस्त ब्रिज नारायण
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दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
लाल चन्द फ़लक
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