नई दिल्लीः भारत और बांग्लादेश (India and Bangladesh) ने कुशियारा नदी के लिए एक अंतरिम जल बंटवारा करार पर मंगलवार को दस्तखत किए हैं. गंगा जल संधि पर 1996 में दस्तखत किए जाने के बाद इस तरह का यह पहला करार है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने इस बात का जिक्र किया है कि भारत और बांग्लादेश दोनों देश  54 नदियों को एक दूसरे से साझा करते हैं और तीस्ता जल बंटवारा समझौते का जल्द समाधान करने का आग्रह किया. यह समझौता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध की वजह से पिछले एक दशक से भी ज्यादा वक्त से लंबित है.
भारत और बांग्लादेश ने कुशियारा नदी के जल बंटवारे पर एक सहमति पत्र पर दस्तखत किए हैं. यह समझौता दक्षिणी असम और बांग्लादेश के सिलहट इलाके में रहने वाले लोगों को फायदा पहुंचाएगा. 

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असम और बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र को फायदा होगाः मोदी 
प्रधानमंत्री मोदी ने हसीना से बात करने के बाद कहा, ‘‘आज, हमने कुशियारा नदी के जल बंटवारे के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर दस्तखत किए हैं. यह भारत के असम और बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र को फायदा पहुंचाएगा.’’ उन्होंने कहा कि कुल 54 नदियां भारत-बांग्लादेश की सरहद से होकर गुजरती हैं, और सदियों से दोनों मुल्कों के लोगों की आजीविका का यह साधन रही है. मोदी ने कहा, ‘‘ये नदियां, इनसे जुड़ी लोक कथाएं, लोक गीत भी हमारे सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा रहे हैं.’’ 

मोदी के रहते सभी मुद्दे हल कर लेंगे- हसीना 
हसीना ने दिल्ली में हैदराबाद हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे याद है कि दोनों मुल्कों ने मैत्री और सहयोग की भावना से कई मुद्दों का हल किया है. हमें उम्मीद है कि तीस्ता जल बंटवारा समझौता सहित सभी लंबित मुद्दों का जल्द ही समाधान हो जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों मुल्कों के बीच 54 नदियां हैं. यहां प्रधानमंत्री मोदी के रहने तक भारत और बांग्लादेश इन सभी मुद्दों का हल निकाल लेगा.’’ मोदी ने भी कहा कि बाढ़ की समस्या को दूर करने में सहयोग करने के संबंध में उनके और हसीना के बीच बातचीत कारगर रही है.’’  
गौरतलब है कि 1996 में दोनों मुल्कों ने 30 सालों की अवधि के लिए गंगा जल संधि पर दस्तखत किए थे. 


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