नई दिल्लीः  भारत ने गोवा में 4 मई से होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में इसके सभी सदस्यों को औपचारिक रूप से निमंत्रण भेजा है. खास बात यह है कि इसमें चीन समेत पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को भी यह निमंत्रण भेजा है. भारत ने पिछले साल सितंबर में 9 सदस्यीय इस विशाल समूह की अध्यक्षता संभाली थी, हालांकि भारत की तरफ से दावत मिलने के बाद अभी तक पाकिस्तानी पक्ष की तरफ से इस बात पर कोई जवाब नहीं आया है कि गोवा में होने वाली इस बैठक में पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल शामिल होंगे या नहीं ?  भारत ने ये न्यौता बिलावल का उस वक्त भेजा है, जब कुछ दिनों पहले ही बिलावल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक बैठक में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद भारत में उनका भारी विरोध हुआ था. 


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इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संबंध सुधारने की जताई थी इच्छा 
इसके बाद भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा था कि वह भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारना चाहते हैंण् सीमा सहित सभी मुद्दों पर उन्होंने द्विपक्षीय संवाद करने की इच्छा जताई थी. हालांकिए शाहबाज के इस बयान के बाद पाक अधिकृत कश्मीर के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खर ने शाहबाज को सलाह देते हुए कहा था कि भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाना खतरे से खाली नहीं है और भारत इस मामले में भरोसे के लायक नहीं है. 

सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के संबंध नहीं है ठीक 
गौरतलब है कि भारत और पाकिसतान दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और जम्मू.कश्मीर में कई पाक समर्थित हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों को छोड़कर हर तरह के संवाद बंद है. इस्लामाबाद किसी भी वार्ता के लिए पूर्व भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है. वहीं, पीएम मोदी पर पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में बिलावल की टिप्पणी ने दोनों देशों के बीच संबंधों में किसी भी सुधार की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था. 
पाकिस्तान ने इस महीने के आखिर में मुंबई में होने वाले एससीओ फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा नहीं लिया हैए जबकि सभी देशों ने प्रविष्टियां भेजी हैं. पाकिस्तान एकमात्र ऐसा मुल्क है जिसने समूह के तीसरे ऐसे फिल्म समारोह में स्क्रीनिंग के लिए कोई फिल्म नहीं भेजी है. 

शंघाई सहयोग संगठन के ये देश हैं सदस्य 
20 साल पुराने इस शंघाई सहयोग संगठन में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके सदस्य हैं. इसका सदस्य बनने वाला ईरान नवीनतम देश है. भारतीय अध्यक्षता में पहली बार पूर्ण सदस्य के रूप में समूह की बैठक में भाग लेगा. शंघाई सहयोग संगठन की पिछली बैठक उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई थी. पिछली बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन उज्बेकिस्तान में हिस्सा लिया था. 


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