Chandrayan-3: भारत ने चांद पर अपना परचम लहरा दिया है. चंद्रयान-3 चांद की सतह पर उतर चुका है. चांद पर फतह हासिल करने वाला भारत चौथा देश बन गया है. चांद पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसमें मौजूद प्रज्ञान रोवर निकलेगा और वह चांद पर मौजूद जानकारियों को इकट्ठा करेगा. चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को दोपहर में श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी थी और 40 दिन का सफर करने के बाद चांद पर पहुंचा है.


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तीन मकसद


चंद्रयान-3 को चांद पर भेजने के 3 अहम मकसद हैं. पहला तो चांद की दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग. दूसरी चांद की सतह पर रेजोलिथ को उतारना और तीसरा चांद के बारे में जानकारी इकट्ठा करना. 


पीएम मोदी का खिताब


देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए इसरो के वैज्ञानिकों से खिताब किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि “हमारे परिवार के लोगों जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं, जीवन धन्य हो जाता है. ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं. ये पल यादगार है. ये वक्त बहुत अहम है. ये लम्हा विकसित भारत के शखनांद का है. ये लम्हा नए भारत के जय घोष का है. ये लम्हा मुश्किलों के महासागर को पार करने का है. ये लम्हा जीत के चंद्रपथ पर चलने का है. ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है. ये लम्हा भारत में नई ऊर्जा नई चेतना का है.”


लैंडिंग के लिए खास इंतेजाम


इस बार चंद्रयान-3 में कई जरूरी बदलाव किए गए थे. ताकि चांद पर इसकी लैंडिंग के वक्त इसमें झटका न लगे. और इसकी सॉफ्ट लैंडिंग हो सके. चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 में संपर्क हुआ. चांद की कक्षा में पहुंचते ही चंद्रयान-2 ने चंद्रयान-3 से कहा कि 'वेलकम बडी.'


नहीं पहुंचा प्रज्ञान लूनर


लैंडिंग मिशन के लिए जो सबसे जरूरी चीज है वह प्रज्ञाम लूनर है. चंद्रयान-3 की लांचिंग के बाद 'लूना 25' को भेजा गया था. इसे चांद पर पहले पहुंचना था जो नहीं पहुंचा. इससे चंद्रयान को सुरक्षित लैंडिंग के लिए खुद ही जगह तलाश करनी पड़ी.


जारी किया गया वीडियो


चंद्रयान-3 के बारे में एक वीडियो जारी किया जिसमें इसके बनने के हर मरहले को दिखाया गया है. इसमें चंद्रयान-3 के बारे में समझाया भी गया है. यह वीडियो साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर चितेंद्र सिंह ने जारी की.