राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि आज की युवा पीढ़ी के बुजुर्ग होने से पहले ही अखंड भारत हकीकत बन जाएगा. उन्होंने एक प्रोग्राम में एक बच्चे के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वह सटीक वक्त नहीं बता सकते कि अखंड भारत कब वजूद में आयेगा.


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भागवत ने दिया जवाब


सरसंघचालक ने कहा, ‘‘लेकिन अगर आप इस सिम्त में काम करते रहेंगे तो आप बुजुर्ग होने से पहले इसे साकार होते हुए देखेंगे. चूंकि हालात ऐसे बन रहे हैं कि जो लोग भारत से अलग हुए, वे महसूस करते हैं कि उन्होंने गलती की. वे महसूस करते हैं कि हमें एक बार फिर भारत बन जाना चाहिए. वे सोचते हैं कि भारत का हिस्सा बनने के लिए उन्हें मैप पर खींची गई लकीर मिटाने की जरूरत है. भारत बनना (भारत का हिस्सा होना) भारत का स्वभाव हासिल करना है.’’ 


15 अगस्त 26 जनवरी को फहराते हैं झंडा


जब उनसे इस दावे के बारे में पूछा गया कि RSS ने 1950 से 2002 तक यहां महाल इलाके में अपने मुख्यालय में झंडा नहीं फहराया तो भावगत ने कहा, ‘‘हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को हम जहां भी होते हैं, हम तिरंगा फहराते हैं. नागपुर में महाल और रेशमीबाग हमारे दोनों ही जगहों पर झंडा फहराया जाता है. लोगों को हमसे यह सवाल नहीं करना चाहिए.’’ 


फंस गया था झंडा


उसके बाद उन्होंने एक वाकिए को याद करते हुए कहा कि 1933 में जलगांव के पास कांग्रेस के तेजपुर सम्मेलन के दौरान जब पंडित जवाहरलाल नेहरू 80 फुट ऊंचे खंभे पर झंडा फहरा रहे थे तब झंडा बीच में फंस गया था, उस दौरान करीब 10000 की भीड़ से एक युवक आगे आया और खंभे पर चढ़कर उसने झंडे को निकाला.


RSS से था शख्स


भागवत के मुताबिक नेहरू ने उस शख्स को अगले दिन अभिनंदन के लिए सम्मेलन में आने को कहा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया क्योंकि कुछ लोगों ने नेहरू को बताया कि वह युवा RSS की शाखा में जाता है. सरसंघचालक ने दावा किया कि सघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को जब इसके बारे में पता चला तो वह शख्स के घर गए और उन्होंने उसकी तारीफ की और उस शख्स का नाम किशन सिंह राजपूत था.