सिंगापुरः भारतीय मूल के एक मलेशियाई नागरिक को साल 2014 में एक शख्स से 6, 24,000 से ज्यादा सिंगापुरी डॉलर लूटने के जुर्म में 7 साल जेल और 12 कोड़े मारने की सजा सुनाई गई है. आरोपी शख्स वारदात को अंजाम देने के बाद मलेशिया भाग गया था ओर वहां छिपकर रह रहा था, लेकिन आठ साल बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. समाचार पत्र टुडे के मुताबिक, मलेशिया निवासी सिवराम मोनियन को सामूहिक डकैती के मामले में मंगलवार को एक कोर्ट ने कसूरवार ठहराया था. यह डकैती नौ लोगों के एक गिरोह ने डाली थी, जिसमें से सिर्फ सिवराम मोनियन को ही सजा नहीं मिल पाई थी, क्योंकि आठ साल तक वह छिपकर रह रहा था. वहीं, उसके अन्य साथियों को पहले ही इस मामले में सजा सुनाई जा चुकी है.  

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भारतीय नागरिक ने 3,019 सिंगापुरी डॉलर का लिया था कर्ज 
समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने बताया कि पीड़ित (35) उस वक्त गोल्डन वी-2 नामक कंपनी में मैनेजर के तौर पर काम कर रहा था जबकि उसका ससुर उस कंपनी का निदेशक था. मोनियन ने तचाना मूर्ति पेरोमल नामक एक शख्स से साल 2013 में 10,000 रिंगिट (3,019 सिंगापुरी डॉलर) का कर्ज लिया था. हालांकि शुरुआत में वह कर्ज की किस्तें चुकाता रहा, लेकिन बाद में वह किसी कारणवश ऐसा नहीं कर पाया था.

भारतीय नागरिक कर्ज माफ कराने के लिए डकैती में हुआ शामिल 
अप्रैल 2014 में पेरोमल और सिवरुगु अर्मुगम नामक एक शख्स ने गोल्डन वी-2 के कूरियर से भेजी जा रही नकदी को लूटने का मंसूबा बनाया. पेरोमल ने मोनियन से संपर्क कर उसे डकैती की योजना में शामिल होने के लिए तैयार किया था. उसने वादा किया कि ऐसा करने पर वह उसका पूरा कर्ज माफ कर देगा. फिर उसके राजी होते ही पेरोमल और बी बालाकृष्णन नाम के उसके अन्य साथियों ने डकैती के लिए और लोगों को भी अपने मंसूबे में शामिल किया. सितंबर 2014 में लगभग दो सप्ताह के अंदर बालाकृष्णन, सेकरन, पेरोमल और मारी सिंगापुर जाकर रमन से मिले और डकैती की योजना को अंतिम रूप दिया गया. 

2014 को पीड़ित शख्स के साथ हुई वारदात 
पांच नवंबर 2014 को पीड़ित शख्स अपने दो वर्षीय बेटे के साथ घर से निकला था. वह कंपनी के कूरियर से नकदी उठाने के लिए गाड़ी से चांगी हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 की तरफ बढ़ रहा था. उस वक्त उसके लगेज में 6,24,036 सिंगापुरी डॉलर व अन्य विदेशी मुद्राओं के साथ-साथ नोकिया के दो फोन भी मौजूद थे. यह सामान और एक खाली बैग को लेने के बाद पीड़ित घर के लिए रवाना हो गया, जहां रास्ते में उसे पहले से घात लगाकर बैठे लोगों ने लूट लिया.

सिंगपापुर में सामूहिक डकैती के लिए दी जाती है इतनी सजा 
इस मामले में मुकदमा चलाने वाले कोर्ट के जज ल्यूक टैन ने पाया कि अपराध 2014 में किया गया था, लेकिन मोनियन को मलेशिया में गिरफ्तार किया गया और पिछले साल जुलाई में उसे प्रत्यर्पित किया गया. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि उसके अंदर आत्ग्लानि और अपराध बोध का भाव नहीं था. इन सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद उन्होंने मोनियन को इस मामले में कसूरवार ठहराते हुए 7 साल जेल व 12 कोड़े मारने की सजा सुनाई. सिंगपापुर में सामूहिक डकैती के किसी भी दोषी को 20 साल तक की सजा सुनाए जाने और 12 कोड़े मारने का प्रावधान है. गिरोह के अन्य सदस्यों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है.


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