लाहौरः हज के लिए केरल से पैदल सउदी अरब पहुंचने के इच्छुक भारतीय नागरिक को पाकिस्तान के रास्ते से होकर गुजरने की इजाजत मिलने के बाद मंगलवार को वह वाघा-अटारी सीमा से पाकिस्तान में दाखिल हो गया है. केरल के रहने वाले सिहाब ने अपनी पैदल हज यात्रा के तहत अपने घर से वाघा सीमा तक की 3,000 किलोमीटर की लंबी यात्रा अक्टूबर, 2022 में शुरू की थी, लेकिन वीजा नहीं होने की वजह से वाघा सीमा पर पाकिस्तान के आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया था. सिहाब ने अपनी हज यात्रा का हवाला देते हुए पाकिस्तानी आव्रजन अफसरों से वीजा देने की अपील की थी. बाद में यह मामला सुप्रीम को


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वह अपने साथ प्यार, दोस्ती और भाईचारे का संदेश लेकर आए हैंर्ट पहुंचा जिसने हज के लिए सिहाब को मानवीय आधार पर वीजा देने का आदेश दिया था.
मंगलवार को वाघा-अटारी सीमा पर भारतीय नागरिक सिहाब (29) का भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन, पाकिस्तान के सद्र इम्तियाज राशिद कुरैशी ने स्वागत किया. कुरैशी ने कहा, "सिहाब अपनी पैदल मक्का यात्रा के लिए वीजा मिलने से बहुत खुश हैं. वह अपने साथ प्यार, दोस्ती और भाईचारे का संदेश लेकर आए हैं. वह सिहाब के सम्मान में लाहौर हाईकोर्ट परिसर में एक आयोजन करना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से ऐसा नहीं हो सका.’’ 

लाहौर हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका 
इससे पहले पाकिस्तान की सरकार ने भारतीय नागरिक को वीजा देने से इंकार कर दिया था. सरकार के इस फैसले के खिलाफ सरवार ताज और भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष ने पाकिस्तान के लौहौर कोर्ट में याचिका दायर कर भारतीय नागरिक को वीजा देने की मांग की थी. उन्होंने तर्क दिया कि जिस तरह पाकिस्तान सरकार गुरु नानक की जयंती और अन्य अवसरों पर भाग लेने के लिए भारत के सिख तीर्थयात्रियों को वीजा जारी करती है, उसी तरह उसे सिहाब को भी वीजा देना चाहिए. हालांकि, लाहौर हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया और तर्क दिया कि जिसके बाद कोर्ट के इस फैसले को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. 

इन देशों के रास्ते सिहाब पहुंचेगा मक्का 
गौरतलब है कि हज सऊदी अरब में मक्का के लिए एक वार्षिक इस्लामी तीर्थयात्रा है, जिसे मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र यात्रा मानी जाती है. सिहाब भारत के केरला में अपने गांव से सऊदी अरब के मक्का तक 8640 किमी पैदल चलेंगे. वह भारत, पाकिस्तान, ईरान, इराक, कुवैत से होकर  सऊदी अरब के मक्का शहर में पहुंचेंगे. छह साल तक सऊदी अरब में काम करने वाले नौजवान ने कहा, “मैंने सऊदी अरब में काम करते वक्त पैदल हज यात्रा के बारे में सपना देखना शुरू कर दिया था और इन शा अल्लाह, मैं आठ महीने में 8640 किमी की दूरी तय कर एक दिन जरूर मक्का पहुंचूंगा." 


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