Indore: लॉ की किताब में RSS-VHP को बुरा बताने पर लेखक, प्रकाशक, प्रोफेसर और प्रिंसिपल पर FIR
Indore Law College Controversy: इस मामले में विवाद बढ़ने पर कॉलेज के पिं्रसिपल ने अपना इस्तीफा दे दिया है और प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने कहा है कि सोमवार से इन आरोपों की जांच की जाएगी.
इंदौरः मध्यप्रदेश के इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में एक विवादित किताब पढ़ाए जाने को लेकर पुलिस ने इसकी लेखिका और प्रकाशक के साथ ही संस्थान के प्रिंसिपल और एक प्रोफेसर के खिलाफ शनिवार को मुकदमा दर्ज किया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का इल्जाम है कि कानून के विद्यार्थियों को पढ़ाई जा रही इस किताब में हिंदू समुदाय और आरएसएस के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा मिलता है. विवाद खड़ा होने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने इसे पुस्तकालय से आनन-फानन में हटवा दिया है. इस बीच, विवाद बढ़ने पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
लेखिका, प्रकाशक, प्रिंसिपल और प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा
भंवरकुआं पुलिस थाने के प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने बताया, ‘‘सामूहिक हिंसा और दांडिक न्याय पद्धति’’ टाइटल वाली किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान, प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन, संस्थान के प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान और संस्थान के प्रोफेसर मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.’’ उन्होंने बताया कि यह एफआईआर शासकीय नवीन लॉल कॉलेज के एक विद्यार्थी की शिकायत पर दो समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण काम के तहत दर्ज की गई है.
विरोध में प्रदर्शन और नारेबाजी
अफसरों ने बताया कि प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर के पुलिस आयुक्त को शनिवार की सुबह ही निर्देश दिया था कि हिन्दी में लिखी गई विवादित किताब के मामले की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाए. एफआईआर दर्ज किए जाने से पहले, एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने लॉ कॉलेज में विवादित किताब के खिलाफ जोरदार विरोध-प्रदर्शन और नारेबाजी की थी. इस दौरान परिसर में पुलिस बल भी तैनात किए गए. कॉलेज में एबीवीपी की इकाई के सद्र दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया, ’’डॉ. फरहत खान की किताब ‘‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’’ में हिंदू समुदाय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी जैसे संगठनों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं.’’
लेखिका पहले ही ‘‘माफीनामा’’ दे चुकी हैंः प्रकाशक
उधर, किताब के इंदौर स्थित प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन के हितेश खेत्रपाल ने कहा, ‘‘इस किताब का पहला संस्करण साल 2015 में छापा गया था. 2021 में इसके विवादित अंशों के बारे में पता चलने पर हमने इसकी लेखिका डॉ. फरहत खान से चर्चा कर किताब के संबंधित पेज बदलवा दिए थे.’’ खेत्रपाल के मुताबिक विवादित अंशों को लेकर किताब की लेखिका पहले ही ‘‘माफीनामा’’ दे चुकी हैं. इस बीच, विवाद बढ़ने पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
सोमवार से इन आरोपों की जांच शुरू होगी
उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक किरण सलूजा ने बताया कि प्रिंसिपल ने महकमे के आयुक्त को भेजे इस्तीफे में कहा है कि वह कॉलेज के विद्यार्थियों और बाहर के अज्ञात लोगों के आंदोलन से आहत हैं और इस घटनाक्रम के बाद मजबूरी में अपना पद छोड़ रहे हैं. सलूजा ने कहा, संभवतः सोमवार से इन आरोपों की जांच शुरू होगी.’’
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