International School: उड़ीसा के सुदूर गांव इलाके में एक वर्ल्ड क्लास स्कूल का आगाज होने जा रहा है. इस स्कूल की खास बात है कि विश्व स्तर की सभी सुविधाओं से लैस यह स्कूल पूरी तरह मुफ्त है. इस स्कूल में छात्रों को पढ़ाने के लिए विदेशों से एक्सपर्ट फैकल्टी आ रहे हैं. यह स्कूल एक ऐसे शख्स ने बनाया है जिसने अपना बचपन इसी गांव की एक कच्ची झोपड़ी में रहते हुए मजदूरी कर के गुजारा है.


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फिलहाल यह स्कूल अभी 10 एकड़ में है और क्षमता पूरी होने पर इसे बढ़ाकर 20 एकड़ कर दिया जाएगा. स्कूल की कुल क्षमता 25 सौ छात्रों की है. भुवनेश्वर से करीब 165 किलोमीटर दूर कियोंनझार जिले के बेरूनपड़ी गांव में मौजूद यह 'उत्कल गौरव इंटरनेशनल स्कूल' ऐसे छात्रों के लिए बनाया गया है जिनके माता-पिता गरीब व पिछड़े हुए हैं और शिक्षा का खर्च उठाने लायक नहीं हैं. 


इस स्कूल में संगीत सिखाने के लिए जुबिन नौटियाल, सोनू निगम, खेलों के लिए पूर्व भारतीय कप्तान रवि शास्त्री, बिजनेस एजुकेशन के लिए राजीव बजाज जैसी हस्तियां योगदान देंगी.


स्कूल के निदेशक डॉक्टर प्रदीप सेठी हैं. प्रदीप सेठी ने अपनी जिंदगी इसी गांव की एक कच्ची झोपड़ी में गुजारी थी. शुरूआती दौर में परिवार और अपना खर्च उठाने के लिए दैनिक मजदूरी की, लेकिन शिक्षा का दामन नहीं छोड़ा. सेठी कड़ी मेहनत करते हुए इस गांव की कच्ची झोपड़ी से दिल्ली के एम्स अस्पताल तक पहुंचे. डॉक्टर सेठी ने एमबीबीएस और फिर एमडी की पढ़ाई पूरी की.


डॉक्टर सेठी के मुताबिक दिल्ली में बड़ा डॉक्टर बनने के बावजूद उनका दिल अपने गांव में ही बसा था. पढ़ाई पूरी करने और प्रैक्टिस शुरू करने के करीब 15 साल बाद डॉक्टर सेठी अपने गांव पहुंचे. उड़ीसा के बेहद पिछड़े इलाके में मौजूद अपने गांव वालों को उन्होंने पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित किया. गांव में एक इंटरनेशनल स्कूल बनाने के लिए जमीन खरीदी. इस बीच कई गांव वाले भी उनके साथ जुड़े और स्कूल शुरू करने के लिए अपनी जमीन दान दी.


यहां कक्षा 1 से लेकर 12 तक की कक्षाएं चालू हैं. डॉक्टर सेठी के मुताबिक 50 और नए क्लासरूम जोड़े जा रहे हैं. यहां पढ़ाई के अलावा खेलों में स्क्वैश, टेनिस, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी और क्रिकेट समेत इनडोर और आउटडोर के लिए अत्याधुनिक खेल परिसर का निर्माण किया जा रहा है.


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