International Yoga Day 2023: योग करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लिए बहुत अच्छा है. योग करना यानी शरीर को रोग से मुक्त करना. भारत पूरे विश्व में योग के लिए जाना जाता है. योग करने से मन को शांति और सेहत को तंदुरुस्ती मिलती है. भारत में योग शदियों से होता रहा है. 


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योग का प्रचार विदेशों में भी हो रहा है. जिसमें सबसे बड़ा योगदान योग गुरु का है. योग ऐसे तो भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. लेकिन योग विदेशों में भी अपनाया जाने लगा है.इसी को लेकर के हर साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाया जाता है. आज हम योग से जुड़े सभी सवालों का जवाब देंगे कि योग की शुरआत कब हुई, कहां हुई, और किसने की. 


तीन महिने के अंदर ही मिला योग को अंतराष्ट्रीय पहचान
पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 में मनाया गया. ये तब मनाया गया जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra MOdi ) ने 27 सितंबर 2014 को United Nations General Assembly में दुनिया के तमाम देशों से योग दिवस को मनाने का आह्वान किया था. मोदी के इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ( United Nations General Assembly ) ने स्वीकार कर लिया. और तीन महिने के अंदर ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया.


2015 में पहली बार मनाया गया योग दिवस
योग दिवस पहली बार 2015 में मनाया गया. लगातार योग अंतराष्ट्रीय पटल पर एक अलग पहचान बनाया. योग को जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दर्जा दे दिया तो उसके बाद योग ने पूरे विश्व में कियी जाता है. 


इस लिए मनाते हैं 21 जून को योग दिवस
भारतीय परंपरा में 21 जून का बहुत बड़ा महत्तव है. इस दिन ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है. इसी कारण से 21 जून को हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं. ये दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है. जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं.


इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम
इस वर्ष यानी योग दिवस 2023 की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग' (Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam) है.जिसका मतलब होता है- धरती ही परिवार है.