International Yoga Day: आज इंटरनेशनल योग दिवस है, और इस साल का आयोजन श्रीनगर में किया जा रहा है, जो युवा मन और शरीर पर योग के गहन प्रभाव को रेखांकित करता है. इस उत्सव का मकसद योग के अभ्यास में हजारों लोगों को एकजुट करना है, जिससे वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा मिले.


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क्या है इस साल योग सेलिब्रेशन की थीम?


इस साल के योग समारोह का विषय, "स्वयं और समाज के लिए योग", व्यक्तिगत कल्याण और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भी एक जनसभा को संबोधित किया और कहा कि यह दिन दुनिया में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.


देश के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं देश के लोगों और दुनिया के हर कोने में योग करने वाले लोगों को योग दिवस की शुभकामनाएं देता हूं. दुनिया भर में योग करने वालों की संख्या बढ़ रही है." उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने 10 साल की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर ली है. 2014 में मैंने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था. भारत के इस प्रस्ताव को 177 देशों ने समर्थन दिया था और यह अपने आप में एक रिकॉर्ड था. तब से लेकर अब तक योग दिवस नए रिकॉर्ड बना रहा है."


दुनिया भर के लोग भारत में आकर सीखना चाहते हैं योग


उन्होंने कहा, "पिछले 10 सालों में योग के विस्तार ने इसकी धारणा को बदल दिया है. आज दुनिया एक नई योग अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ते हुए देख रही है. भारत में ऋषिकेश और काशी से लेकर केरल तक योग पर्यटन का एक नया जुड़ाव देखने को मिल रहा है. दुनिया भर से पर्यटक भारत आ रहे हैं क्योंकि वे भारत में प्रामाणिक योग सीखना चाहते हैं."


योद को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं


योग के महत्व और इसके स्वास्थ्य लाभों पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, "योग स्वयं और समाज के लिए है." उन्होंने कहा, "जैसा कि हम 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं."


श्रीनगर की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, "मुझे योग और साधना की भूमि पर आने का अवसर मिला है. श्रीनगर में हम योग से मिलने वाली शक्ति को महसूस कर सकते हैं." प्रधानमंत्री ने कहा, "योग शक्ति, अच्छे स्वास्थ्य और आरोग्य को बढ़ावा देता है. श्रीनगर में इस वर्ष के कार्यक्रम में शामिल होना अद्भुत है."


फ्रांस की इस महिला टीचर का किया जिक्र


प्रधानमंत्री ने फ्रांस की 101 वर्षीय महिला योग शिक्षिका चार्लोट चोपिन को भी याद किया, जिन्हें इस साल पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. पीएम कहते हैं,"इस वर्ष भारत में 101 वर्षीय महिला योग शिक्षिका को पद्मश्री सम्मान दिया गया. वह कभी भारत नहीं आईं, लेकिन उन्होंने अपना पूरा जीवन योग के प्रति जागरूकता पैदा करने में समर्पित कर दिया. आज दुनिया भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और संस्थानों में योग पर शोध हो रहे हैं, शोध पत्र प्रकाशित हो रहे हैं."


कौन हैं चार्लोट चोपिन ?


चार्लोट चोपिन एक फ्रांसीसी योग ट्रेनर हैं जिन्हें फ्रांस में योग के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है. 2024 में, उन्हें भारत के जरिए पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था. चोपिन ने अभ्यास शुरू करने के कुछ समय बाद ही योग सिखाना शुरू कर दिया था और पिछले 50 सालों में हज़ारों छात्रों को योग सिखाया है. वह अपने होमटाउन में एक योग स्टूडियो चलाती हैं.