मणिपुर में दो कम्युनिटी के दरमियान कई दिनों से जद्दोजहद जारी है. ऐसे में मणिपुर में इंटरनेट पाबंदी हटने के चार दिन बाद हत्या के खिलाफ मंगलवार को हुए छात्रों के आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने एक बार फिर इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी है. यह पाबंदी आज यानी मंगलवार से 1 अक्टूबर तक पांच दिनों के लिए लगाई गई है. अफसरों ने बताया कि नामालूम हमलावरों ने दो युवा छात्रों की हत्या कर दी.


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आंदोलनकारी इकट्ठा हो सकते हैं


संयुक्त सचिव (गृह) मायेंगबाम वीटो सिंह ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि मणिपुर में मौजूदा कानून और व्यवस्था की हालत को देखते हुए राज्य सरकार दीगर सामाजिक जरियों से अफवाहों और दूसरी तरह की हिंसक सरगर्मियों के प्रसार को बहुत गंभीरता से लेती है. टैबलेट, कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ-साथ बड़े पैमाने पर एसएमएस भेजने से आंदोलनकारियों और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को इकट्ठा करने में मदद मिलती है, जिससे जिंदगी को नुकसान हो सकता है. सार्वजनिक/निजी संपत्ति को नुकसान पहुंच सकता है या राज्य में कानून-व्यवस्था की हालत खराब हो सकती है.


इइंटरनेट चलाने पर होगी कार्रवाई


नोटिफिकेशन में कहा गया है, "राज्य सरकार ने मणिपुर राज्य के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में वीपीएन के जरिए से मोबाइल इंटरनेट डेटा सेवाओं, इंटरनेट/डेटा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से 1 अक्टूबर को शाम 7.45 बजे तक पांच दिनों के लिए मोअत्तल करने का फैसला किया है." यह भी कहा गया है कि हुक्म की खिलाफवर्जी करने का दोषी पाया गया कोई भी शख्स कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा. 


मुख्यमंत्री का बयान


मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बीते शनिवार को ही राज्य में इंटरनेट प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया था. सभी वर्गों के लोगों और दीगर संगठनों की अपील पर जवाब देते हुए राज्य सरकार ने मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए पहले प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटा दिया था. 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के तुरंत बाद इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है.


34 से ज्यादा छात्र जख्मी


इस बीच, पुलिस ने कहा कि सिक्योरिटी फोर्सेज के साथ झड़प में 34 से ज्यादा छात्र घायल हो गए. झड़प तब हुई, जब छात्रों को बीरेन सिंह के बंगले की ओर मार्च करने से रोका गया. सिक्योरिटी फोर्सेज ने प्रदर्शनकारी छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले और धुआं बम का इस्तेमाल किया.