अमेरिका को दिखाता है आंख, लेकिन गांधीवाद से डर गया ईरान; फिल्मकार को किया रिहा
Iranian director Zafar Panahi freed on bail after going on hunger strike: सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के इल्जाम में पिछले साल से जेल में बंद जफर पनाही नाम के एक फिल्म निर्देशक को ईरान की सरकार ने जमानत पर जेल से रिहा कर दिया है. उसे छह साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.
दुबईः मशूहर ईरानी फिल्म निर्देशक जफर पनाही को अपनी सजा के विरोध में भूख हड़ताल करने के दो दिन बाद शुक्रवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. पनाही को सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने के इल्जाम में पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया गया था, और छह साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. वह ईरान के उन कलाकारों, खिलाड़ियों और अन्य हस्तियों में शामिल हैं, जिन्हें सरकार के खिलाफ बोलने के बाद हिरासत में लिया गया था. सितंबर में पुलिस हिरासत में एक युवती महसा अमिनी की मौत के बाद हुए देशव्यापी विरोध-प्रदर्शनों के बाद ऐसी गिरफ्तारियां आम हो गई है.
पुरस्कार विजेता फिल्में बना रहे हैं जफर पनाही
गौरतलब है कि जफर पनाही (62) यात्रा करने और फिल्म बनाने से कानूनी तौर पर रोके जाने के बावजूद एक दशक से पुरस्कार विजेता फिल्में बना रहे हैं. उनकी हालिया फिल्म ‘नो बियर्स’ सितंबर में रिलीज हुई थी. पनाही के वकील यूसुफ मौली ने तस्दीक की है कि उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है, और वह घर लौट आए हैं. मौली ने बताया कि दो दिन भूख हड़ताल करने के बाद भी पनाही की सेहत ठीक है. हालांकि, इस बारे में उन्होंने और जानकारी देने से इनकार कर दिया है.
अर्द्धसरकारी ईरानी समाचार एजेंसी ने बताया कि राजधानी तेहरान की कुख्यात एविन जेल से बाहर निकलने पर कई कलाकारों ने पनाही का इस्तकबाल किया. जफर पनाही ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान जारी कर कहा था कि वह ‘न्यायिक और सुरक्षा तंत्र के न्यायेतर और अमानवीय बर्ताव के विरोध में बुधवार से भोजन और दवाओं का त्याग करेंगे. जफर पनाही का ये विरोध का तरीका बिलकुल गाँधीवादी था. गाँधी जी जेल में कई बार भूख हड़ताल कर चुके थे, जिससे दक्कर ब्रिटिश सरकार उनकी मांगे मान लेती थी. वही ईरान किसी से नहीं डरता है लेकिन अपने फिल्मकार के इस विरोध के तरीके से डरकर फिलहाल उसे जेल से आज़ाद कर दिया है.
विरोध-प्रदर्शन में अबतक 600 से ज्यादा लोग मारे गए
गौरतलब है कि पिछले साल एक सार्वजनिक स्थल पर बिना हिजाब के घूमने वाली महिला मेहसा अमिनी को पुलिस में हिरासत में ले लिया था, जिसकी पुलिस हिरासत में ही मौत हो गई थी. इसके बाद पूरे ईरान में हिजाब के विरोध में प्रदर्शन हुए थे. इस विरोध-प्रदर्शन में अबतक 600 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. वहीं, सरकार इसमें शामिल लोगों और इसका समर्थन करने वालों को जेल में डाल रही है. अपने इस रवैये के लिए ईरान दुनिया भर में आलोचनाओं का शिकार हो रहा है, इसके बाद भी वह हिजाब और औरतों की आजादी को लेकर अपने पुराने स्टैंड पर कायम है.
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