Supreme Court: देश में आम चुनाव 2024 होने जा रहे हैं. इस बीच सीनियर अधिवक्ता हरीश साल्वे समेत मुल्क के 600 से ज्यादा वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को खत लिखा है. उन्होंने अपने खत में लिखा, "एक खास ग्रुप मुल्क में न्यायपालिका को कमजोर करने में जुटा हुआ है."


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इन वकीलों ने खत में लिखा, "इस खास ग्रुप का काम कोर्ट के फैसलों को प्रभावित करने के लिए दबाव डालना है, विशेष तौर पर ऐसे मामलों में जिनसे या तो लीडर जुड़े हुए हैं या फिर जिन पर भ्रष्टाचार के इल्जाम हैं. इनकी गतिविधियां मुल्क के लोकतांत्रिक ताने-बाने और न्यायिक प्रक्रिया में यकीन के लिए खतरा है."


अवाम का यकीन हो जाएगा खत्म
इसके साथ ही वकीलों ने खत में लिखा है, "इस खास ग्रुप कई तरीकों से कोर्ट के कामकाज को प्रभावित करने की कोशिश करती है, जिनमें अदालतों के तथाकथित सुनहरे युग के बारे में गलत नैरेटिव पेश करने से लेकर कोर्ट की मौजूदा कार्यवाहियों पर सवाल उठाना और अदालतों में अवाम के यकीन को कम करना शामिल हैं."



मनमाफिक फैसले नहीं आने पर कोर्ट की करते हैं आलोचना
खत में आगे लिखा, "ये खास ग्रुप अपने राजनीतिक एजेंडे के आधार पर कोर्ट के फैसलों की तारीफ या फिर आलोचना करता है. दरअसल में ये ग्रुप 'माई वे या हाईवे' वाली थ्योरी में यकीन करता है. इसके साथ ही बेंच फिक्सिंग की थ्योरी भी इन्हीं की गढ़ी हुई है." इसके साथ ही वकीलों ने इल्जाम लगाया, "ये अजीब है कि लीडर किसी पर भ्रष्टाचार का इल्जाम लगाते हैं और फिर कोर्ट में उनका बचाव करते हैं. ऐसे में अगर कोर्ट के फैसला उनके हिसाब नहीं आता, तो वे कोर्ट के भीतर ही या फिर मीडिया के जरिए न्यायालय की आलोचना करना शुरू कर देते हैं."


न्यायाधीशों पर डाला जाता है दबाव
खत में लिखा गया है, "कुछ तत्व न्यायाधीशों को प्रभावित करने या फिर कुछ चुनिंदा मामलों में अपने पक्ष में फैसला देने के लिए न्यायाधीशों पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा सोशल मीडिया पर झूठ फैलाकर किया जा रहा है. इनकी ये कोशिश निजी या राजनीतिक वजहो से न्यायापालिका को प्रभावित करने की कोशिश है, जिन्हें किसी भी हालात में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता."


वकीलों ने चीफ जस्टिस से लगाई गुहार
इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मजबूत बने रहने और अदालतों को इन कथित हमलों से बचाने के लिए कदम उठाने की गुजारिश की है और खत में लिखा है, ‘‘चुप रहने या कुछ नहीं करने से आखिर उन लोगों को ताकत मिल सकती है, जो नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. यह गरिमापूर्ण तरीके से चुप्पी बरतने का वक्त नहीं है, क्योंकि कुछ साल से ऐसे ही कोशिश हो रही हैं और लगातार हो रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन वक्त में चीफ जस्टिस की अगुआई अहम है.