Israel 26/11: मुंबई आतंकवादी हमलों की 15वीं बरसी को चिह्नित करने के लिए एक अहम कदम में, इज़राइल ने आधिकारिक तौर पर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को एक आतंकवादी संगठन के तौर पर शामिल कर लिया है. इजरायली दूतावास ने एक बयान में कहा कि लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठन ऐलान करने के लिए सभी जरूरी प्रोसेस पूरे कर लिए गए हैं. इजराइल ने ये फैसला बिना भारतीय सरकार की गुजारिश के लिया है.


इजराइल ने क्या कहा?


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इजराइल सरकार ने अपने एक बयान में कहा,"जबकि इज़राइल केवल उन आतंकी संगठनों को लिस्ट करता है जो उसके बॉर्डर्स के अंदर या उसके आसपास या भारत के समान तरीके से उसके खिलाफ सक्रिय तौर पर काम कर रहे हैं." जानकारी के लिए बता दें, दो इजरायली नागरिक - गैब्रियल होल्ट्ज़बर्ग और रिव्का होल्ट्ज़बर्ग - मुंबई के चबाड लुबाविच यहूदी केंद्र, में मारे गए थे. वह 6 पीड़ित पीड़ित यहूदियों में से थे.


दूतावास ने लश्कर-ए-तैयबा को सैकड़ों भारतीयों की हत्या के लिए जिम्मेदार माना है और एक "घातक और निंदनीय आतंकवादी संगठन" करार देते हुए कहा, "26 नवंबर, 2008 की घटना अभी भी सभी शांति चाहने वाले देशों और समाजों में गूंजती हैं." इज़राइल दूतावास ने आतंकवाद के सभी पीड़ितों, जिंदा बचे लोगों और मुंबई हमलों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति  संवेदना व्यक्त की है. बयान में कहा गया है,"हम बेहतर शांतिपूर्ण भविष्य की आशा में एकजुट होकर आपके साथ खड़े हैं."


क्या है लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन मानने का मकसद?


इजराइल के इस कदम के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं. जिनमें से एक यह भी है कि भारत ने इजराइल के साथ अपना स्टैंड साफ नहीं किया है. मुल्क दो बार फिलिस्तीनियों के लिए ह्यूमेटेरियन सपोर्ट पहुंचा चुका है. दूसरा हमेशा से ही मुल्क फिलिस्तीन के हक में बात करता आया है. ऐसे में इजराइल भारत का समर्थन खीचने की कोशिश कर सकता है.


भारत का हमेशा से फिलिस्तीन को लेकर क्या रुख रहा है, इसके बारे में जानने के लिए नीचे डिटेल वीडियो देखें