Israel Palestine War: इजराइल और हमास के जंग के बीच अमेरिका ने अपने साथी मुल्क इजराइल की मदद के लिए भूमध्यसागर में दो युद्धपोत तैनात किए हैं. दोनों युद्धपोतों पर अमेरिका के हजारों कमांडो, अटैक  हेलीकॉप्टर, दर्जनों फाइटर जेट और कई खतरनाक मिसाइलें तैनात है. इन दोनों जंगी जहाजों के सहारे किसी भी मुल्क पर चुटकियों में हमला किया जा सकता है. 


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अमेरिका की इस मौजूदगी से रूस बेहद परेशान है, अमेरिका के जवाब में रूस ने काला सागर में अपनी किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल तैनात की है. इस मिसाइल को बेहद खतरनाक माना जाता है. इसे आसानी से ट्रेक करना और मार गिराना असंभव है. इस मिसाइल का इस्तेमाल रूस ने लवीव शहर के साथ यूक्रेन युद्ध में किया था. 


इसके साथ दावा किया जा रहा है कि जितने भी मुल्क नाटों में शामिल हैं, उनके पास किंझल मिसाइल को  रोकने की ताकत नहीं है. दावा यह भी किया जाता है कि यह मिसाइल दुनिया के किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है. ये आसानी के साथ गति के साथ-साथ दिशा बदल सकती है. 


इस मिसाइल को ट्रैक कर पाना मुश्किल होता है. इस की बहुत ज्यादा सटीक निशाना और मारक क्षमता होती है. यह Air Launched Ballistic Missile की श्रेणी में आती है. आमतौर पर इसे जमीन और पानी में छिपे टारगेट पर दागा जाता है. इसकी स्पीड की बात की जाए तो 6100 से 12,348 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार है. इसकी रेंज 2 हजार किलोमिटर है. जबिक भूमध्यसागर की दूर सिर्फ 1700 किमी है. 


किंझल मिसाइल से 480 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगाकर टारगेट पर निशाना लगाया जा सकता है. युक्रेन जंग में इस मिसाइल से एक अंडरग्राउंड वेयरहाउस को उड़ाने में किया गया था. TASS के मुताबिक, रूस ने अपने इस घातक मिसाइल का प्रदर्शन पहली बार 2018 में इस्तेमाल किया था.  यह मिसाइल अपने आवाज से पांच गुना तेज हवा में उड़ान भर सकती है. 


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