बेंगलुरुः धर्म इंसान का बेहद निजी मामला है. कोई भी शख्स किसी भी धर्म को अपना सकता है. लेकिन अब कर्नाटक में ऐसा नहीं होगा. कर्नाटक में अगर आपने अपने मनपसंद का धर्म चुना तो आपको जेल के साथ हजारों रुपयों का जुर्माना देना पड़ सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कर्नाटक के गवर्नर थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को उस अध्यादेश को मंजूरी दे दी, जो कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार विधेयक-2021 को प्रभावी बनाता है. इसे धर्मांतरण-रोधी बिल के तौर पर भी जाना जाता है. इस बिल को राज्य विधानसभा ने पिछले साल दिसंबर में पास किया था, लेकिन यह विधानपरिषद में लंबित है जहां सत्तारूढ़ भाजपा के पास बहुमत नहीं है.

इस बुनियाद पर लाया गया अध्यादेश 
गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कर्नाटक विधानसभा और विधानपरिषद का चूंकि सेशन नहीं चल रहा है और माननीय राज्यपाल इस बात से सहमत हैं कि ऐसी परिस्थितियां मौजूद हैं जो अध्यादेश जारी करने के लिए उन्हें फौरन कार्रवाई करने की जरूरत बताती हैं.

पांच साल तक की सजा और 25 हजार जुर्माना 
ऑडिनैंस में कहा गया है कि कोई भी शख्स जो अपना मजहब बदलता है, उसके माता-पिता, भाई, बहन या कोई दूसरा श्ख्स जिनका उनसे खून का रिश्ता है, वैवाहिक संबंध है या किसी भी तौर पर संबद्ध हों, वे इस तरह के धर्मांतरण पर शिकायत दायर कर सकते हैं. कसूरवार को तीन साल की कैद की सजा हो सकती है जो बढ़ा कर पांच साल तक की जा सकती है और उसे 25,000 रुपये का जुर्माना भी भरना होगा. 


Zee Salaam