नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने बुधवार को दिल्ली में सभी गैर भाजपा दलों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि यह ’पहला और मुख्य मोर्चा’ (Main Front) होगा न कि ‘तीसरा मोर्चा’ (Third Front).  उन्होंने कहा कि अगर सभी राज्यों में सभी गैर-भाजपाई दल एक साथ आते हैं, तो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक ऐसा माहौल बनेगा जिसके बाद चीजें एकतरफा नहीं रह जाएगी. मैंने जिस किसी से भी बात की, उसके सकारात्मक नतीजे रहे. भाजपा और कांग्रेस को छोड़ तीसरे मोर्चे की बात पर उन्होंने कहा, “जब भी कोई कहता है कि तीसरा मोर्चा बनाने की जरूरत है, तो मैं हमेशा कहता हूं कि चलो ’मुख्य मोर्चा’ बनाते हैं. जब भी ऐसा होगा, वह मुख्य मोर्चा होगा, तीसरा मोर्चा नहीं.” 
बिहार में भाजपा से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दलों के साथ सरकार बनाने के बाद कुमार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं.

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शरद पवार से मुलाकात की
इससे पहले दिन में नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एक साझा मंच पर लाने की कोशिशों के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की. कुमार ने भाकपा (माले) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य से भी मुलाकात की है. जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के खिलाफ एक विकल्प पेश करने का सही वक्त आ गया है. नीतीश ने पवार के साथ 30 मिनट चली बैठक के बाद कहा, “पवार और मैं दोनों उन विपक्षी ताकतों को एकजुट करना चाहते हैं, जो भाजपा के साथ नहीं हैं. गठबंधन के नेता का फैसला बाद में किया जा सकता है. पहले एक साथ आना जरूरी है.’’

इन नेताओं से भी नीतीश कर चुके हैं मुलाकात 
बिहार के मुख्यमंत्री कुमार ने सोमवार को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी. उन्होंने मंगलवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी. राजा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख ओ.पी. चौटाला, समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी.

सोनिया गांधी से मिलने फिर आएंगे दिल्ली 
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए एक बार फिर दिल्ली आएंगे, जो निजी कारणों से इस वक्त विदेश यात्रा पर हैं. कुमार ने अपने सबसे पुराने सहयोगियों में से भाकपा (माले) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य से मुलाकात के बाद कहा, “मैं दिल्ली में सभी लोगों से मिला हूं और उनमें से कई लोगों ने मुझे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर आने के लिए धन्यवाद दिया है. नीतीश ने कहा, “सबको एहसास है कि जिनके हाथ में सत्ता है, वे देश में हर जगह नुकसान पहुंचा रहे हैं.” 

नीतीश खुद को नहीं मानते हैं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार 
नीतीश कुमार भले ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के कयासों को लगातार खारिज कर रहे हों, लेकिन उनकी पार्टी के अंदर इस बात को लेकर आवाज उठ रही है कि कुमार अपने विशाल अनुभव और साफ-सुथरी छवि की वजह से विपक्षी नेतृत्व की कमान संभालने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं. प्रधानमंत्री बनने की उनकी आकांक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने मंगलवार को कहा था, “यह ठीक नहीं है. मैं इस पद का दावेदार नहीं हूं, और न ही मैं इसका इच्छुक हूं.” 

देश कभी भी ‘अवसरवादी’ गठबंधन पर भरोसा नहीं करेगाः भाजपा 
वहीं, भाजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिशों का यह कहते हुए नकार दिया है कि देश अवसरवादी गठबंधनों से आगे निकल चुका है, और अब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत व निर्णायक नेतृत्व के पीछे खड़ा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नीतीश के दिल्ली पहुंचने को राजनीतिक तीर्थ यात्रा करार दिया है. उन्होंने जद (यू) के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि अगर विपक्षी दल एकजुट हो जाते हैं तो लोकसभा चुनाव में भाजपा 50 सीटों पर सिमट जाएगी.


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