Jagdeep Dhankhar देश के नए उपराष्ट्रपति; जानिए उनका पूरा सियासी सफर
Jagdeep Dhankhar: राजस्थान के झुंझनू से ताल्लुक रखने वाले जगदीप धनखड़ IAS के लिए चुने गए थे लेकिन उन्होंने वकालत को चुना. इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा. वह चंद्रशेखर सरकार में मंत्री भी रहे.
Vice Presidential Candidate Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजें आ गए हैं. आपको बता दें जगदीप धनखड़ देश के नए उपराष्ट्रपति बन चुके हैं. वह 11 अगस्त को अपने पद की शपथ लेंगे. धनखड़ को 528 वोट मिले हैं वहीं मार्गरेट अलवा को 182 वोट वोट हासिल हुए हैं. उपराष्ट्रपति पद के लिए NDA ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को अपना उम्मीदवार बनाया था. वहीं अपोजीशन से मार्गरेट अल्वा चुनावी मैदान में थीं. जगदीप धनखड़ राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से आते हैं. उन्होंने जाट आरक्षण के लिए आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी.
कौन हैं जगदीप धनखड़?
जगदीप धनखड़ का 18 मई साल 1951 को को पैदा हुए. पिता चौधरी गोकुलचंद किसान थे. जगदीप पश्चिम बंगाल के राज्यपाल तो रहे ही. एक वक्त वह राजस्थान की सियासत में सक्रिय रहे थे. जगदीप सुप्रीम कोर्ट के वकील और राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रह चुके हैं.
राजस्थान की सियासत में थे सरगर्म
धनखड़ राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से आते हैं. राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलाने में धनखड़ की अहम भूमिका थी. जगदीप धनखड़ राजस्थान के झुंझुनूं से 1989 से 91 तक जनता दल से सांसद रहे. इसके बाद वह कांग्रेस में चले गए. कांग्रेस से एक बार चुनाव हारने के बाद धनखड़ ने साल 2003 में भाजपा का दामन थामा. अजमेर के किशनगढ़ से विधायक बने.
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आईएएस के लिए हुआ चुनाव
मूल रूप से राजस्थान के झुंझनू से ताल्लुक रखने वाले धनखड़ आईएएस के लिए हुआ, लेकिन उन्होंने वकालात की. 1989 में जनता दल से सांसद बने. जगदीप धनखड़ ने राजस्थान के बार काउंसिल में बतौर वकील करियर की शुरूआत की. साल 1990 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. साल 1989 में धनखड़ झुंझनुं से सांसद बने और चंद्रशेखर सरकार में मंत्री रहे.
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