JMI: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, तक़रीबन 150 स्टूडेंट्स की फीस जमा नहीं हुई है जिसने छात्रों को मुश्किल में डाल दिया है. इस सिलसिले में छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी इंतेज़ामिया के ज़रिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में देर करने की वजह से यह सब हुआ है. जिसका नतीजा अब छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. वहीं स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि तकनीकी कारणों और यूनिवर्सिटी द्वारा देर किए जाने की ग़लती की सज़ा तलबा को नहीं मिलनी चाहिए.


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प्रशासन का तानाशाही रवैया:छात्र
इसी मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( ABVP) के छात्रों का कहना है कि जामिया मैनेजमेंट ने छात्रों के हित में अभी तक कोई फ़ैसला नहीं लिया, बल्कि एहतेजाज कर रहे छात्रों को डराने-धमकाने की कोशिश जारी हैं. जामिया के छात्रों का इल्ज़ाम है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से छात्र वक़्त पर फीस जमा नहीं भर पाए. इसकी वजह से उनका दाख़िला अभी तक नहीं हो सका है. जामिया मिलिया इस्लामिया में बीते रोज़ तलबा के एक ग्रुप ने इस सिलसिले में यूनिवर्सिटी इंतेज़ामिया के ख़िलाफ़ एहतेजाज किया. तलबा का कहना था कि प्रशासन छात्रों के प्रति तानाशाही रवैया अपना रहा है.



छात्र संगठन ने की फ़ैसले की मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि एक स्टूडेंट को 21 नवंबर को सभी सर्टिफिकेट के वेरिफिकेशन के साथ ही फीस्लिप जारी कर दी गई थी. विद्यार्थी परिषद का कहना है कि चूंकि फीस्लिप 4 बजे जारी की गई थी, इसलिए बैंक से ऑफ़लाइन फीस जमा नहीं हुई, फिर उन्हें ऑनलाइन जमा करने के लिए कहा गया लेकिन ऑनलाइन भी एरर आ रहा था. स्टूडेंट ने सारी प्रॉब्लम डीन को बताई. डीन ने जामिया रजिस्ट्रार और जामिया परीक्षा नियंत्रक को भी लेटर भेजा लेकिन उस छात्र का एडमिशन अब तक नहीं हो पाया है. इस पूरे मामले पर छात्र ग़ुस्से में हैं.


 


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