जामिया के हॉस्टल से क्यों परेशान हैं लड़कियां? घंटों चले धरने के बाद यूनिवर्सिटी ने मानी मांगे
छात्राओं का कहना था कि कई बार शिकायत करने के बाद भी हॉस्टल में उन्हें बेसिक सुविधाए नहीं दी जा रहीं है.
Jamia Protest: मंगलवार की शाम जामिया मिल्लिया इस्लामिया के जम्मू-कश्मीर हॉस्टल की सैकड़ों लड़कियां हॉस्टल से निकल कर DSW (डीन ऑफ स्टूडेंट वेल्फेयर) ऑफिस के पास बने सेन्टनरी गेट पर धरना देने लगीं. छात्राओं का कहना था कि कई बार शिकायत करने के बाद भी हॉस्टल में उन्हें बेसिक सुविधाए नहीं दी जा रहीं है. कई बार प्रोवोस्ट से लिखित में शिकायत करने के बाद भी चीजें नहीं बदलीं और उन्हें धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ा.
"हॉस्टल मेन्यू में सब, हकीकत में गर्म पानी भी नहीं"
एक छात्रा ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए बताया की "हॉस्टल की महंगी फीस देने के बाद भी हॉस्टल में सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है, ना लिफ्ट चलती है, ना गर्म पानी के लिए गीज़र है और ना ही जिम की सुविधा है. ये सब जब हॉस्टल मेन्यू में है और यूनिवर्सिटी इसके पैसे भी ले रही है, तो क्यों हमें ये सुविधाएं नहीं मिल रही हैं?" छात्रा ने आगे बताया कि "हमने कई बार प्रोवोस्ट से इसकी शिकायत की पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया."
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दिया आशवासन
जम्मू-कश्मीर हॉस्टल की छात्राओं का ये धरना रात के करीब 12 बजे आकर खत्म हुआ. जब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मौके पर आकर छात्राओं से बात की और उनकी सभी मांगे मान ली. छात्राओं की मांग थी कि अच्छे खाने के साथ हॉस्टल में गीजर ठीक कराए जाएं, लिफ्ट को ठीक किया जाए और जिम की सुविधा मिले.
ब्यॉज हॉस्टल में भी हो चुका है प्रदर्शन
कुछ हफ्ते पहले जामिया के ब्यॉज हॉस्टल में भी लड़कों ने खराब खाने को लेकर प्रदर्शन किया था. जामिया प्रशासन ने हॉस्टल फीस को बढ़ा कर दो गुना कर दिया है, लेकिन बेसिक सुविधाएं देने में यूनिवर्सिटी प्रशासन नाकाम रहा है. ब्यॉज हॉस्टल के एक स्टूडेंट ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि "जिन स्टूडेंट्स ने हॉस्टल में हो रही परेशानियों के खिलाफ आवाज़ उठाई थी. उनको जामिया प्राशासन द्वारा हॉस्टल से निकालने की धमकी भी दी गई है."