Jamia Foundation Day: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी अपनी 104वीं सालगिरह मना रही है. जामिया में 2 दिनों तक कई प्रोग्राम हुए. इस दौरान जामियान में सेलेब्रेशन भी रहा. आज यानी 29 अक्टूबर को इसका आखिरी दिन है. कई छात्र छात्राओं ने प्रोग्राम में हिस्सा लिया. जामिया के स्टूडेंट जामिया फॉडेशन के दिन काफी उत्साहित रहे.


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कई प्रोग्राम हुए
जामिया फॉउंडेशन डे के मौके पर जामिया के अलग-अलग डिपार्टमेंट की तरफ से डॉक्टर के स्टॉल लगाए गए, फिल्म स्क्रीनिंग हुई, जेंडर एक्वालिटी पर बातचीत हुई, पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई गई, म्यूजिक प्रोग्राम किया गया और एक प्रोग्राम हुआ जिसमें यह बताया गया कि राष्ट्र निर्माण में जामिया मिल्लिया इस्लामिया का क्या रोल रहा.


जामिया की स्थापना
आपको बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया नई दिल्ली में मौजूद सेंट्रल यूनिवर्सिटी है. यह देश की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटियों में से एक है. इसमें पूरे देश और विदेशों से भी स्टूडेंट पढ़ने के लिए आते हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया की स्थापना 29 अक्टूबर 1920 को हुई थी. इसकी स्थापना मोहम्मद अली जौहर, हकीम अजमल खान, मुख्तार अहमद अंसारी, अब्दुल मजीद ख्वाजा और जाकिर हुसैन ने महमूद हसन देवबंदी की सदारत में अलीगढ़ में की थी.


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जामिया को इन लोगों ने बनाया
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की जब नीव रखी गई उस वक्त अब्दुल बारी फिरंगी महली, हुसैन अहमद मदनी, मुहम्मद इकबाल, सनाउल्लाह अमृतसरी, सैयद महमूद और दूसरे लोग मौजूद थे. जामिया की नीव सिल्क लेटर मूमेंट के नेता दारुल उलूम देवबंद के पहले छात्र महमूद हसन देवबंद ने रखी थी. मोहम्मद अली जौहर 1920 से 1923 तक जामिया के कुलपति रहे. हकीम अजमल खान 1920 से 1927 तक पहले चांसलर के बतौर यहां काम किया.


पहले पायदान पर जामिया
26 मई 2017 को नजमा हेपतुल्ला जामिया यूनिवर्सिटी की 11वीं कुलपति बनीं. नजमा अख्तर 2019 में 15वीं कुलपति बनीं. साल 2020 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया को शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी रैंकिंग में पहले मकाम दिया गया.