शोएब रज़ा/नई दिल्ली: दिल्ली फासादात के बाद जमीयत उलेमा हिंद के राहती कामों का जायज़ा लेने पहुंचे मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि दिल्ली फसादात मुकम्मल तौर पर मंसूबाबंद थे और अभी तक फसादात मुतास्सिर लोग फसाद के खौफ से बाहर नहीं निकल पाए हैं. मौलाना मदनी ने कहा कि इस फसाद से हिन्दुस्तान की गंगा जमनी तहज़ीब को खत्म करने की कोशिश थी लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे.


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मौलाना मदनी ने कहा कि जमीयत फसादात मुतास्सिर इलाकों में राहती काम में लगी है और पूरे इलाकों का दौरा करने के बाद जमीयत ने ये फैसला लिया है कि वो बग़ैर किसी मज़हबी इम्तियाज़ के फसादात मुतास्सिर शहरियों के जलाए गए मकानों की मरम्मत करवाएगी इस दौरान जमीयत हर फसाद मुतास्सिर शहरियों को खान पान से लेकर कानूनी मदद भी मुहैया कराएगी.


मौलाना मदनी ने कहा कि दिल्ली फसादात हिन्दू मुस्लिम सकाफत में इंसानी मुखालिफ लोगों के ज़रिए ज़हर घोलने का नतीजा है और ये पूरी तरह मंसूबाबंद थे. मौलाना मदनी ने कहा कि दंगो को लेकर हुकूमत का रवैया बेहद मायूसकुन रहा क्योंकि जिन्होंने ये ज़हर बोया वो आज भी खुले में घूम रहे हैं. मौलना मदनी ने कहा कि जमीयत कानूनी पहलुओं पर ग़ौर कर रही है और अगर कानूनी कार्रवाई पुर एतिमाद नहीं रही तो जमीयत फसादात मुतास्सिरीन की कानूनी लड़ाई भी लड़ेगी और हुकूमत जिन-जिन मुजरिमीन को बचाने की कोशिश कर रही है उनको सज़ा दिलाने के लिए अदालत तक ले जाएगी.


आखिर में मदनी ने कहा कि जमीयत हमेशा से ही हिन्दू मुस्लिम नज़रिये से ऊपर इंसानी और भाईचारे की बुनियाद पर काम करती रही है और वो दिल्ली फसादात में मुतास्सि हर परिवार के साथ हर सतह पर खड़ी है, वो मुतास्सिर फिर से अपनी आम ज़िंदगी गुज़ार सकें इसके लिए हर तरह से मदद देगी.