जम्मू-कश्मीर हुकूमत ने फारुक अब्दुल्लाह के बेटे और साबिक सीएम उमर अब्दुल्ला पर लगाए गए पीएसए को वापस लेने का आदेश जारी गया है। 7 महीने बाद जम्मू कश्मीर हुकूमत ने उमर अब्दुल्ला की नज़रबंदी खत्म करते हुए उन्हें रिहा करने के आदेश जारी किए.मंगलवार को रियासती हुकूमत ने उमर अब्दुल्ला की रिहाई का आदेश जारी किए हैं.बता दें इससे पहले उनके वालिद फारूक अब्दुल्ला को रिहा किया गया था.


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जम्मू-कश्मीर के साबिक सीएम उमर अब्दुल्ला पर पीएसए लगाने की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी। उमर को 5 अगस्त को ऐहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया था, जिसकी मियाद 2 फरवरी को खत्म हुई थी। इस टाइम पीरियड के खत्म होने के पहले ही हुकूमत ने उमर पर पीएसए के तहत कार्रवाई की गई थी


जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और रियासत को दो हिस्सों में बांटने के वक्त से ही उमर अब्दुल्ला को हिरासत में ले लिया गया था. उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) भी लगाया था. उमर पर इल्ज़ाम था कि उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों को भड़काने का काम किया था.,जिसके बाद उनकी बहन सारा पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था।


सारा अब्दुल्ला ने अपनी अर्ज़ी में दावा किया था कि अब्दुल्ला के ऑफिशियली फेसबुक अकाउंट से कोई पोस्ट नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि हिरासत में बंद शख्स के खिलाफ इस्तेमाल की गए कारणों में केवल उनके सोशल मीडिया पोस्ट हैं.  


सारा पायलट की अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हुकूमत को एक हफ्ते का नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हुकूमत बताए कि उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा रहा है या नहीं? साथ ही कोर्ट ने कहा था कि अगर आप उमर अब्दुल्ला को रिहा कर रहे हैं तो उन्हें जल्दी रिहा कीजिए या फिर हम हिरासत के खिलाफ उनकी बहन सारा पायलट की अर्ज़ी पर सुनवाई करेंगे.सुप्रीम कोर्ट में इस ऐक्शन के खिलाफ एक अपील करते हुए इसे उमर के फंडामेंटल राइट्स को खत्म करना बताया था।


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