Srinagar Historical Pathar Masjid: श्रीनगर के नवाबाजार इलाके में स्थित मुगल युग की पत्थर मस्जिद इन दिनों प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो रही है. श्रीनगर की पत्थर मस्जिद जो कई दशकों पुरानी है, लेकिन जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड और इकोलॉजी डिपार्टमेंट की तरफ से इससे लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है. कुछ वर्ष पहले इस मस्जिद में आग लग गई थी और यह आग की भेंट चढ़ गई थी. लेकिन, काफी समय गुजर जाने के बाद भी आज तक मस्जिद की दरों-दीवारों पर काले रंग के निशान मौजूद हैं.


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नमाजियों को परेशानियों का सामना
मस्जिद में पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है लेकिन नमाजियों के लिए  बाथरूम का कोई मुनासिब इंतेजाम नहीं हैं. जिसकी वजह से नमाजियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रशासन की ओर से मस्जिद को नजर अंदाज करने के मामले में इलाके के लोगों में गुस्सा और नाराजगी हैं. मकामी लोगों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड और इकोलॉजी दोनों ही डिपार्टमेंट अगर इस मस्जिद की देखरेख नहीं कर सकते या इसकी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकें तो वह खुद इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है. लोगों ने बताया कि परेशानियों को देखते हुए इस दशकों पुरानी मस्जिद में अब कम लोग ही नमाज पढ़ने आते हैं.



प्रशासन की अनदेखी का शिकार
लोगों में तारीखी मस्जिद को नजरअंदाज किए जाने पर सख्त नाराजगी है. उनका कहना है कि अब तक कोई भी वक्फ बोर्ड या सरकार का अधिकारी इस मस्जिद को देखने नहीं आया है और न ही किसी ने इसकी सुध ली है. हालांकि, दशकों पुरानी इस मस्जिद में पहले कभी लोगों के आने का सिलसिला जारी रहता था और मस्जिद में दूरदराज इलाकों से लोग नमाज पढ़ने आते थे.लेकिन अब हालात कुछ और हैं और नमाजियों को सहूलत नहीं मिलने के कारण वो मस्जिद से दूरी बना रहे हैं. बता दें कि श्रीनगर की ये ऐतिहासिक मस्जिद पूरी तरीके से पत्थरों से बनी हुई है और कहीं पर भी इस में लकड़ी का इस्तेमाल नहीं किया गया है. मस्जिद अपनी खूबसूरती की वजह से हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है.


Report: Farooq Wani


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