Jayant Sinha Reply: भारतीय जनता पार्टी के जरिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद जयंत सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और उनसे पूछा गया कि उन्होंने चल रहे चुनावों में मतदान क्यों नहीं किया या चुनाव प्रचार में हिस्सा क्यों नहीं लिया? अब इस मसले पर सिन्हा ने जवाब दिया है. नेता का कहना है कि वह नोटिस मिलने के बाद हैरान थे. उन्होंने कहा कि उन्हें गलत तरीकों से निशाना बनाया जा रहा है.


मुझे नहीं दिया गया न्यौता


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सिन्हा ने अपने पत्र में यह साफ किया कि उन्होंने डाक मतपत्र प्रक्रिया के जरिए से मतदान किया क्योंकि वह निजी वजहों से विदेश में थे. बीजेपी एमपी ने कहा,"अगर पार्टी चाहती कि मैं किसी भी चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो आप निश्चित रूप से मुझसे संपर्क कर सकते थे. हालांकि, 2 मार्च 2024 को मेरी घोषणा के बाद झारखंड से एक भी सीनियर पार्टी पदाधिकारी या सांसद/विधायक मेरे पास नहीं पहुंचें. मुझे पार्टी के कार्यक्रमों, रैलियों या संगठनात्मक बैठकों में शामिल होने का न्यौता नहीं दिया गया. अगर बाबा लाल मांरडी चाहते थे कि मैं शामिल हूं तो वे निश्चित तौर पर मुझे बुला सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.''


उन्होंने कहा कि उन्होंने स्पीकर को सूचित कर दिया था और विदेश में कुछ जरूरी निजी प्रतिबद्धताओं में भाग लेने के लिए 10 मई को भारत छोड़ दिया था, उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए नहीं कहा था, इसलिए उन्हें रुकने का कोई कारण नहीं दिखा.


सिन्हा अपने खत में आगे लिखते हैं,"29 अप्रैल, 2024 की शाम को, जब मैं दिल्ली में था, मुझे मनीष जयसवाल जी का फोन आया, जिसमें उन्होंने मुझे 1 मई, 2024 को अपनी नामांकन रैली में आमंत्रित किया. देर से सूचना मिलने के कारण, 1 मई, 2024 की सुबह तक मेरे लिए हज़ारीबाग़ पहुँचना संभव नहीं था. परिणामस्वरूप, मैंने 2 मई, 2024 को हज़ारीबाग की यात्रा की, और अपना सम्मान व्यक्त करने के लिए सीधे जयसवाल जी के आवास पर गया. वह मौजूद नहीं थे, इसलिए मैंने अपना संदेश उनके परिवार को दिया."


वह आगे लिखते हैं,"स्पीकर को सूचित करने के बाद, मैंने विदेश में कुछ जरूरी व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं में भाग लेने के लिए 10 मई, 2024 को भारत छोड़ दिया. पार्टी ने मुझसे किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए नहीं कहा था, इसलिए मुझे रुकने का कोई कारण नहीं दिखता. भारत छोड़ने से पहले, मैंने अपना वोट डाक मतपत्र प्रक्रिया के माध्यम से भेजा. इसलिए, आपका यह आरोप लगाना गलत है कि मैंने वोट देने की अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं किया.''


पार्टी ने पिता से भी किया था किनारा


बता दें कि जयंत सिन्हा के पिता यशवंत सिन्हा को भी भाजपा ने कुछ इसी तरह साइडलाइन किया था. बाद में उन्होंने उन्होंने ऑल इंडिया त्रिणमूल कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी. पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने बीजेपी के खिलाफ काफी हमले किए थे. 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में सिन्हा को विपक्षी दलों की तरफ से राष्ट्रपति का उमीदवार भी बनाया गया था. यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपयी की सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. लेकिन भाजपा में मोदी शाह की बढ़त  के बाद आडवानी खेमे से ताल्लुक रखने वाले सिन्हा को पार्टी ने साइड लाइन कर दिया था.