JDU on UCC & Agniveer Scheme:  लोकसभा इलेक्शन 2024 में NDA गठबंधन को बहुमत मिला है. जबकि बीजेपी बहुमत के आंकड़े को पार नहीं कर पाई है. ऐसे में देश में प्रेशर पॉलिटिक्स की शुरुआत हो चुकी है. इसी क्रम में सरकार गठन से पहले बीजेपी की प्रमुख सहयोगी दल जदयू ने कुछ योजनाओं को लेकर भाजपा पर प्रेशर बनाने लगी है. 


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जदयू ने केंद्र में सरकार गठन को लेकर बीजेपी की तरफ से की जा रही, कवायदों के बीच सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना की समीक्षा किए जाने की मांग उठाई है. जद (यू) के सीनियर लीडर के सी त्यागी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘अग्निपथ योजना को लेकर वोटर्स के एक हिस्से में नाराजगी रही है. हमारी पार्टी चाहती है कि विस्तार से उन कमियों और खामियों को दूर किया जाए, जिसको लेकर जनता ने सवाल उठाए हैं.’’


क्या है पूरा मामला
केंद्र सरकार ने साल 2022 में 14 जून को सेना में जवानों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का ऐलान किया था. कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने इस योजना का विरोध किया था. कुछ राज्यों में इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए थे. इसके बावजूद बीजेपी ने अग्निपथ योजना को लागू कर दिया.  कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन ने हाल ही में खत्म हुए लोकसभा इलेक्शन में अग्निपथ योजना को बड़ा मुद्दा बनाया था और कहा कि अगर वह सत्ता में आते हैं, तो इसे रद्द कर देंगे. विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद बीजेपी और उसके नेता इस योजना का बचाव करते रहे हैं.


अमित शाह ने किया था बचाव
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा इलेक्शन के दौरान कहा था, "नौजवानों के लिए ‘अग्निपथ’ से ज्यादा आकर्षक कोई योजना हो ही नहीं सकती, क्योंकि यह चार साल के बाद रिटायर्ड होने वाले ‘अग्निवीरों’ के लिए सशस्त्र बलों में पूर्णकालिक सरकारी नौकरी की गारंटी देती है." उन्होंने कहा था कि कांग्रेस लीडर राहुल गांधी पर तरस आता है, जिन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन के सत्ता में आने पर इस अल्पकालिक भर्ती योजना को खत्म करने का वादा किया है.


यूसीसी को लेकर कही ये बात
बिहार के सीएम नीतीश के राजनीतिक सलाहकार और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता त्यागी ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ नहीं है. बीजेपी ने अपने चुनावी मेनिफेस्टों में सत्ता में आने पर यूसीसी लागू करने का वादा किया है. इस पर त्यागी ने कहा, ‘‘यूसीसी पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते सीएम नीतीश कुमार, विधि आयोग के अध्यक्ष को चिट्ठी लिख चुके हैं. हम इसके विरुद्ध नहीं हैं, लेकिन जितने भी हितधारक हैं, चाहे सीएम हों, या मुख्तलिफ राजनीतिक दल हों या समुदाय हों, सबसे बात करके ही इसका हल निकाला जाना चाहिए." जाति आधारित जनगणना के सवाल पर जद(यू) नेता ने कहा कि देश में किसी भी पार्टी ने इसके विरोध में नहीं कहा है. इस मामले में बिहार ने रास्ता दिखाया है. पीएम ने भी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में इसका विरोध नहीं किया. जाति आधारित जनगणना समय की मांग है. हम इसे आगे बढ़ाएंगे.’’ 


विशेष राज्य का दर्जा
एक और सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जद (यू) ने राजग को बिना शर्त समर्थन दिया है लेकिन बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग ‘हमारे दिल’ में है"  जद (यू) के वरिष्ठ नेता का ये बयान बुधवार को राजग की बैठक के एक दिन बाद आया है. जब नरेन्द्र मोदी को इस बैठक में सर्वसम्मति से राजग का नेता चुना गया था. राजग ने लोकसभा चुनाव में 293 सीटें जीती हैं जो 543 सदस्यीय सदन में बहुमत के 272 के आंकड़े से ज्यादा है. संख्या के लिहाज से चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के बाद जद (यू) राजग का तीसरा सबसे बड़ा घटक है.