JDU नेता अली अशरफ फातमी ने पार्टी से दिया इस्तीफा; अब थाम सकते हैं इस पार्टी का दामन
Ali Ashraf Fatmi quits JDU:जद (यू) महासचिव अली अशरफ फातमी के इस्तीफे के बाद अटकलें तेज हो गईं कि वह दोबारा अपनी पूर्व पार्टी राजद में वापसी कर सकते हैं.
Ali Ashraf Fatmi quits JDU: राजद के पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे जद (यू) के वर्तमान राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद अली अशरफ फातमी (Ali Ashraf Fatmi) ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. फातमी (Ali Ashraf Fatmi) के इस्तीफे के बाद इस बात की अटकलें तेज हो गईं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री वापस राजद में जा सकते हैं.
जद (यू) के कौमी सद्र और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खिताब कर हाथ से लिख अपने इस्तीफे में फातमी ने कहा कि वह “अपने नैतिक मूल्यों की रक्षा“ के लिए अपने ओहदे के साथ-साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ रहे हैं.
फातमी ने कहा, “मैंने जदयू छोड़ दिया है और इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता हूं. जहां तक मेरे भविष्य की कार्रवाई का सवाल है, यह कुछ दिनों में पता चल जाएगा."
गौरतलब है कि यह घटनाक्रम एनडीए द्वारा बिहार के लिए अपने सीट-बंटवारे के फॉर्मूले के ऐलान के एक दिन बाद आया है, जहां भाजपा 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें दरभंगा भी शामिल है. इस सीट को फातमी ने चार बार जीता हैए जबकि मधुबनी की सीट जदयू के खाते में गई है. शायद इसी वजब से फातमी ने अपना टिकट कटता देख पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
गौरतलब है कि इससे पहले फातमी राजद का सांसद रहते हुए यूपीए 1 सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रह चुके हैं. पांच साल पहले राजद द्वारा द्वारा एक अन्य प्रमुख मुस्लिम चेहरे अब्दुल बारी सिद्दीकी को दरभंगा से मैदान में उतारने और तत्कालीन गठबंधन सहयोगी के लिए मधुबनी छोड़ने के विरोध में राजद उन्होनें राजद छोड कर जदयू का दामन थाम लिया था.
अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि फातमी, जिनके बेटे फ़राज़ जेडीयू के मौजूदा विधायक हैं, को राजद में वापस लाया जा सकता है.
अली अशरफ जेडीयू के नीतियों और सिद्धांतों पर नहीं चल सकते हैं: खालिद अनवर, JDU, MLC
JDU के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के इस्तीफा देने के बाद जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने कहा, "हम पहले ही जानते थे कि अली अशरफ जेडीयू के नीतियों और सिद्धांतों पर नहीं चल सकते हैं. नीतीश कुमार का सब धर्म के प्रति एक सम्मान रहता है, और सबको अपना परिवार मानते हैं, लेकिन कुछ लोग सिर्फ अपने परिवार को ही अपना सब कुछ मानते हैं. अली अशरफ भी वही काम कर रहे थे. अली अशरफ राजद से आए थे और वह राजद में ही चले गए."