रामगढ़ः इल्म और लियाकत हालात का मोहताज नहीं होतीं, झारखंड के पूर्व क्रेन ऑपरेटर की बेटी ने इस बात को सच साबित कर दिखाया है. बिना कोचिंग के पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा पास करके इस बेटी ने तमाम ऐसे उम्मीदवारों को हौसला दिया है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद इस परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम सोमवार को घोषित किया गया.

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किसी पेशेवर कोचिंग संस्थान से पढ़ाई नहीं की 
एक साल तक एक स्मार्टफोन (Smartphone) और प्रतिदिन 18 घंटे की पढ़ाई की बदौलत झारखंड की 24 वर्षीय बेटी दिव्या पांडे (Divya Pandey)ने संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में 323वां स्थान हासिल किया. राज्य के रामगढ़ जिले की निवासी दिव्या पांडे ने कहा, ‘‘एक स्मार्टफोन और इंटरनेट की उपलब्धता ने उन्हें सिविल सेवा परीक्षा पास करने में मदद की. इंटरनेट ज्ञान और सूचनाओं का महासागर है.’’ वर्ष 2017 में रांची विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाली दिव्या ने कहा, ‘‘मैंने रोजाना करीब 18 घंटे पढ़ाई की और नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च (एनसीईआरटी) की ढेर सारी किताबें पढ़ीं.’’ दिव्या ने यह भी कहा कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी के दौरान किसी पेशेवर कोचिंग के लिए नामांकन नहीं कराया था.

गरीबों और दलितों के लिए काम करने की इच्छुक हैं दिव्या 
वर्ष 2016 में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) में क्रेन ऑपरेटर के पद से  सेवानिवृत्त हुए दिव्या के पिता जगदीश प्रसाद पांडे अपनी बेटी की सफलता से बहुत खुश हैं. दिव्या के पिता ने कहा, ‘‘मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे कितना गर्व है. मेरी बेटी इस सफलता की हकदार है. उसकी मेहनत रंग लाई है.’’ दिव्या ने कहा कि उनकी बड़ी बहन प्रियदर्शनी पांडे ने भी झारखंड लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास की है. दिव्या गरीबों और दलितों के लिए काम करने की इच्छुक हैं.


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