नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या के बाद जहां देशभर में योगी सरकार की आलोचना की गई है और एक धड़ा इस हत्या पर जश्न मना रहा है, वहीं दिल्ली के जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में अतीक अहमद के समर्थन और योगी सरकार के विरोध में नारे लगाए गए. यूपी पुलिस मुर्दाबाद ! योगी प्रशासन मुर्दाबाद ! कत्ल कराना बंद करो ! एनकाउंटर बंद करो ! दोषियों को सजा दो ! योगी राज मुर्दाबाद ! जैसे नारे लगाए गए हैं,? जिसका वीडियो भी सामने आया है।  
दरअसल, बीते दिन (16 अप्रैल) को जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मालिक के ताज़ा इंटरव्यू की स्क्रीनिंग का आयोजन यूनिवर्सिटी में किया गया था. यह आयोजन लेफ्ट संगठन एआईएसए ने किया था, जिसमें अतीक अहमद के मर्डर को लेकर यूपी पुलिस के साथ मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की गई.
लॉ एंड ऑर्डर की हत्या नही सहेंगे, गोलीबारी नही सहेंगे, कंगारू कोर्ट नही सहेंगे. योगी, मोदी, बुल्डोजर का एक जवाब... इंक़लाब ज़िन्दाबाद! मुस्लिम विरोधी ये सरकार नही चलेगी! नही चलेगी जैसे नारे लगाए गए.   
इस आयोजन में ये कहा गया है कि अतीक अहमद के मर्डर के बाद हम जनता के बीच ये सवाल फिर से लेकर आ रहे हैं कि पुलवामा में जिन जवानों की शहादत हुई इसमें किसकी नाकामी थी? कौन-सा सिस्टम काम कर रहा था? इसी सरकार के बीच से उठ कर आए पूर्व गवर्नर सत्यपाल मालिक खुद बता रहे हैं कि इसके पीछे मोदी, शाह की कमी थी. इस सरकार को न हत्या से , न जुल्म से दिक्कत है. इसे बस संविधान से दिक्कत है! “

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आइसा ने कहा, ऐसा कोई आयोजन नहीं हुआ 
आइसा के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्टर पर लेफ्ट संगठन का कहना है कि यह पोस्टर फर्ज़ी है और इस तरह का आयोजन हमारे संगठन द्वारा नही किया गया था. सिर्फ सत्यपाल मालिक के इंटरव्यू की स्क्रीनिंग की गई थी, लेकिन ऊपर दिख रही वीडियो कई सवाल खड़े कर रही हैं! सूत्रों के मुताबिक आइसा द्वारा ये पोस्टर बीते दिन संगठन के आधिकारिक पेज से शेयर किया गया था, लेकिन चंद मिनट बाद ही इसे प्रोफाइल पेज से डिलीट भी कर दिया गया था. ग्रुप के एडमिन और जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष साई बालाजी ने भी इस मुद्दे पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है. 


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