Chief Justice of India: जस्टिस यूयू ललित ने शनिवार को भारत के 49वें मुख्य नयायाधीश पद की शपथ ली. राष्ट्रपति भवन में शपथ लेने के दौरान देश की राष्ट्पति द्रौपदी मुर्मू भी मौजूद थीं. जस्टिस यूयू ललित 75 दिनों तक सुप्रीम कोर्ट की अगुआई करेंगी. इसके बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस पद को संभालेंगे. वह देश के 50वें चीफ जस्टिस होंगे. 


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रिटाय हुए रमना


इससे पहले एन वी रमणा चीफ जस्टिस थे. अब यूयू ललित ने इस पद को संभाला है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यूयू ललित को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने पूर्व सीजेआई रमना की सिफारिश के बाद न्यायमूर्ति ललित को शीर्ष पद पर नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की थी, जिन्होंने 26 अगस्त को पद छोड़ दिया था.


कम वक्त का होगा कार्यकाल
हालांकि, यू.यू. ललित का प्रधान न्यायाधीश के रूप में एक छोटा कार्यकाल होगा, क्योंकि वह 8 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे. न्यायमूर्ति ललित को अप्रैल 2004 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. उन्हें 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सभी मामलों में सीबीआई के लिए शीर्ष अदालत द्वारा विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने 1986 और 1992 के बीच दिवंगत अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के साथ भी काम किया. 


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मशहूर रही टिप्पणी
जुलाई में एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस ललित ने टिप्पणी की थी कि अगर बच्चे रोज सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं, तो जज और वकील सुबह 9 बजे कोर्ट क्यों नहीं आ सकते. "मैंने हमेशा कहा है कि अगर हमारे बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं, तो हम 9 बजे कोर्ट क्यों नहीं आ सकते?"


तीन तलाक मामले से कनेंक्शन
न्यायमूर्ति ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को अदालत की अवमानना के मामले में चार महीने के कारावास और 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. वह उस पांच-जजों की बेंच का हिस्सा थे, जिसने तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक घोषित किया था.


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